हरतालिका तीज का व्रत महिलाएं बड़ी प्रसन्नता के साथ रखती है. सभी तीजों में इस तीज को काफी महत्वपूर्ण माना गया है. इस दिन विवाहित महिलाएं अपने पति की दीर्घायु और कुंवारी कन्याएं सुयोग्य वर पाने के लिए व्रत रखती है. हालांकि इस दौरान महिलाओं या कुंवारी कन्याओं को मासिक धर्म का सामना करना पड़ें तो फिर इस व्रत को किस तरह से रखा जाना चाहिए. आइए जानते हैं इसके बारे में...
मासिक धर्म के दौरान हरतालिका तीज व्रत के नियम...
- यदि आप तीज के पहले से ही माहवारी या मासिक धर्म में हैं तो आपको फिर यह व्रत नहीं रखना चाहिए. लेकिन व्रत वाले दिन ही यदि आपको यह शिकायत होती है, तो फिर आप व्रत रख सकती है.
- मासिक धर्म के दौरान रखे गए और साधारण रखे गए व्रत में कोई अंतर नहीं होता है, हालांकि आपको कुछ छोटी-मोटी चीजों पर ध्यान देना होता है.
- इस दिन आपको स्नान करने के बाद कोरे वस्त्र पहनने चाहिए और पूरा श्रृंगार करना चाहिए.
- यह व्रत निर्जला व्रत होता है और आपको भी यह व्रत इसी तरह से रखना है.
- मासिक धर्म से गुजर रही महिलाएं पूजन की किसी भी वस्तु को न छूए.
- हरतालिका तीज के दिन माता पार्वती, भगवान शिव और श्री गणेश का पूजन होता है. अतः आप यह ध्यान रखें कि शिव परिवार को लगने वाले भोग को आप न छूए.
- साथ ही आप इस बात का ध्यान रखें कि आपको भगवान की प्रतिमा या चित्र को भी नहीं छूना है.
- मसिक धर्म में व्रत रखने वाली महिलाएं या कन्याएं इस दिन शिव-पार्वती और गणेश जी का पूजन स्वयं न करें, बल्कि आपको यह कार्य घर की किसी अन्य महिला से कराना चाहिए.
- हरतालिका तीज के व्रत वाले दिन रात्रि जागरण का नियम भी है, अतः आप भी रात्रि जागरण अवश्य करें.
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