नई दिल्ली: 2019 लोकसभा चुनाव को देखते हुए तमाम राजनितिक दल अपनी चुनावी तैयारियों में जुट गए हैं और अपनी-अपनी राजनीतिक बिसात बिछाने में लगी हुई हैं. चुनाव को लेकर दिल्ली में भी स्थिति अभी तक स्पष्ट नहीं है, हालांकि लोकसभा चुनाव को देखते हुए आम आदमी पार्टी (आप) और कांग्रेस में राजनीतिक कशमश और तेज होती जा रही है.
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इसी क्रम में शुक्रवार को दिल्ली कांग्रेस कार्यालय में नेताओं की बड़ी मीटिंग बुलाई गई थी, जिसमें लगभग 68-70 नाम की सूची कांग्रेस आलाकमान को भेजी गई है. इस बैठक में कांग्रेस नेताओं ने एक स्वर में घोषणा की है कि दिल्ली में कांग्रेस तमाम सातों लोकसभा सीट पर अकेले दम पर ताल ठोंकेगी और उन्हें केजरीवाल से किसी भी तरह का गठबंधन नहीं चाहिए. दिल्ली कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष और पूर्व मंत्री हारून यूसुफ का भी स्पष्ट तौर पर कहना है कि शीला दीक्षित के आने से कांग्रेस कार्यकर्ताओं में पूरा उत्साह है और दिल्ली की सातों लोकसभा सीट पर कांग्रेस जीत दर्ज करेगी क्योंकि केजरीवाल के झूठे वादों को दिल्ली की आवाम पूरी तरह पहचान चुकी है.
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जिस तरह से दिल्ली में आम आदमी पार्टी (आप) कांग्रेस के साथ गठबंधन के लिए आतुर दिखाई दे रही है, उस पर कटाक्ष करते हुए कांग्रेस कार्यकारी अध्यक्ष हारून यूसुफ का कहना है कि दिल्ली के सीएम केजरीवाल की यही बेचैनी कांग्रेस को आत्मविश्वास प्रदान करता है और यह साबित करता है कि दिल्ली की तमाम सातों सीट कांग्रेस अपने दम पर चुनाव लड़ने जा रही है, क्योंकि दिल्ली में केजरीवाल का कोई वजूद नहीं बचा है.
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