नई दिल्ली : पिछले आंदोलन से सबक लेते हुए हरियाणा सरकार ने जाट आंदोलन के बढ़ने की आशंका को देखते हुए केंद्रीय गृह मंत्रालय से 56 कंपनी अर्ध सैनिक बल की मांग की है. बता दें कि राज्य में अर्ध सैनिक बलों की 37 कंपनियां पहले से ही मौजूद हैं.
उल्लेखनीय है कि पानीपत में हुई 5 सदस्यीय समिति की बैठक का अधिकारियों ने राज्य की कैबिनेट में विवरण दिया है. कैबिनेट ने जाटों की मांगों को संजीदगी से सुना.खबर है कि जाटों एवं अधिकारियों की कमेटी की दूसरी बैठक जल्द ही हो सकती है.सीएम मनोहर लाल खट्टर ने राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों से जाट आरक्षण को लेकर हुई बैठक की भी जानकारी ली. मुख्यमंत्री ने बताया कि समिति की सिफारिशों का अध्ययन करने बाद ही उचित निर्णय किया जाएगा.
बता दें कि हरियाणा के नौ जिलों में पिछले कई दिन से सरकारी नौकरियों में जाटों को आरक्षण दिए जाने की मांग को लेकर धरने पर बैठे आंदोलनकारियों से सरकार परेशान हैं. पिछले साल हरियाणा में हुए जाट आरक्षण में कई जिलों में हिंसा का जो नंगा नाच हुआ था उससे प्रदेश की छवि ख़राब हुई थी.उस आंदोलन के दौरान करीब 31 लोगों की जान गई थी. महिलाओं के साथ रेप के आरोप भी लगे थे.जिसकी जांच के लिए प्रकाश सिंह आयोग गठित किया था जिसने अपनी रिपोर्ट में सीधे तौर पर कई अधिकारियों को दोषी ठहराया था.उनमे से कुछ पर कार्रवाई भी हुई थी.
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