नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) का दायरा 24 फीसद तक सिमट सकता है। अब सबकी नज़रें NCR प्लानिंग बोर्ड के एक महत्वपूर्ण फैसले पर टिकी हुईं है। उम्मीद जताई जा रही है कि मंगलवार को बोर्ड उस प्रोपोजल को मंजूरी दे सकता है, जिसके तहत पांच जिलों करनाल, महेंद्रगढ़, चरखी-दादरी और भिवानी को पूरी तरह से तथा पानीपथ और रोहतक जिले के तीन तहसीलों को NCR की बॉर्डर से बाहर किया जा सकता है।
दरअसल, हरियाणा ने NCR में आने वाले अपने इलाकों का दायरा कम करने का प्रस्ताव दिया है, जबकि अन्य तीन अन्य सदस्य राज्यों ने इस संबंध में कोई प्रस्ताव नहीं दिया है। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में सूत्रों के हवाले से बताया जा रहा है कि इनमे से किसी भी राज्य ने हरियाणा के प्रस्ताव का विरोध भी नहीं किया है। इस कारण उम्मीद जताई जा रही है कि बोर्ड हरियाणा के प्रस्ताव को मंजूरी दे सकता है।
वर्ष 2021 के रिजनल प्लान डेटा के अनुसार, NCR में दर्शाए गए हरियाणा का कुल क्षेत्र 13,413 स्कव्यार किलोमीटर हैं। जबकि वर्ष 2018 में कुछ अन्य जिलों के जुड़ने के कारण यह क्षेत्र 25,327 स्क्वायर किमी हो गया है। इस दौरान पांच अन्य राज्य- महेंद्रगढ़, भिवानी, चरखी-दादरी, करनाल और जींद भी NCR में शामिल कर लिए गए हैं। इसी प्रकार उत्तर प्रदेश के दो जिले मुजफ्फरनगर और शामली तथा राजस्थान का भरतपुर जिला भी NCR के अधीन आया।
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