चंडीगढ़: भारत में आजादी के बाद कई राज्यों को अलग किया गया था साथ ही कई राज्य ऐसे भी हैं जिन्हें बाद में अलग राज्य के रूप में स्थापित किया गया। भारतीय गणतंत्र में एक अलग राज्य के रूप में हरियाणा भी विकसित हुआ, जिसकी स्थापना 1 नबंवर 1966 को हुई थी। लेकिन एक विशिष्ट ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक इकाई के रूप में हरियाणा का अस्तित्व प्राचीन काल से मान्य रहा है। बता दें कि हरियाणा राज्य आदिकाल से ही भारतीय संस्कृति और सभ्यता की धुरी रहा है और इसे भारत का ग्रीन लैंड कहा जाता है।
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देश में हरियाणा उत्तर भारतीय राज्य है जहां दक्षिण में राजस्थान, पश्चिम में हिमाचल प्रदेश, उत्तर में पंजाब की सीमा और पूर्व में दिल्ली क्षेत्र लगा हुआ है। हरियाणा और पडोसी राज्य पंजाब की भी राजधानी चंडीगढ़ ही है। यदि देखा जाए तो क्षेत्रफल के अनुसार इसे भारत का 20 वां सबसे बड़ा राज्य माना गया है। हरियाणा के विषय में वैदिक साहित्य में अनेक उल्लेख मिलते हैं और इस प्रदेश में की गई खुदाईयों से यह ज्ञात होता है कि सिंधु घाटी सभ्यता और मोहनजोदड़ों संस्कृति का विकास यहीं पर हुआ था।
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गौरतलब है कि पंजाब और हरियाणा दोनों ही विकसित राज्य हैं और एक राज्य के रूप में हरियाणा 1 नवंबर 1966 को पंजाब पुनर्गठन अधिनियम 1996 के माध्यम से अस्तित्व में आया था। भारत सरकार ने 23 अप्रैल 1966 को पंजाब के तत्कालीन राज्य के निवासियों द्वारा बोली जाने वाली भाषाओं के आधार पर विभाजित करने के विचार के बाद हरियाणा के नए राज्य की सीमा निर्धारित करने के लिए न्यायमूर्ति जेसी शाह की अध्यक्षता में शाह आयोग की स्थापना की थी। इस आयोग ने 31 मई 1966 को अपनी रिपोर्ट दे दी, जिससे हिसार, महेंद्रगढ़, गुड़गांव, रोहतक और करनाल के तत्कालीन जिले हरियाणा के नए राज्य का हिस्सा बन गए थे।
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