नई दिल्ली: देश की राजधानी दिल्ली में बीते कुछ दिनों से जल संकट गहराने लगा है। कई इलाकों में पानी की आपूर्ति नहीं हो पा रही है। प्रदेश की सत्ताधारी आम आदमी पार्टी (AAP) ने कहा कि इसके पीछे हरियाणा से दिल्ली में यमुना का पानी न छोड़ना एक बड़ा कारण है। दिल्ली, यमुना के पानी पर आश्रित है और इससे वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट चलते हैं। यमुना से वजीराबाद, चंद्रावाल और ओखला प्लांट को जल दिया जाता है। आज यमुना का स्तर 670।3 फीट दर्ज किया गया है।
AAP नेत्री और दिल्ली की जल मंत्री आतिशी मार्लेना ने प्रेस वार्ता करते हुए कहा कि दिल्ली सरकार इस मसले को लेकर सर्वोच्च न्यायालय में मुकदमा दाखिल करने जा रही है। उन्होंने कहा कि, हम शीर्ष अदालत जा रहे हैं कि हरियाणा और यूपी के हिस्सों से जहां से पानी आता है, उनको कोर्ट आदेश दे कि दिल्ली वालों को उनके हक का पानी दे। दिल्ली की जल मंत्री ने आगे कहा कि, 'हम एक सेंट्रल वॉटर टैंकर का 'वॉर रूम' दिल्ली जल बोर्ड (DJB) में स्थापित कर रहे हैं। इस वॉर रूम का नेतृत्व एक वरिष्ठ IAS अधिकारी द्वारा किया जाएगा। जो भी दिल्लीवासी पानी का टैंकर चाहते हैं, वे 1916 पर फोन कर सकते हैं। 5 तारीख से दिल्ली के प्रत्येक वॉटर जोन में एक ADM स्तर और एक SDM स्तर के अफसर की तैनाती की जाएगी। वे त्वरित प्रतिक्रिया देने वाली टीम का गठन करेंगे, जो जल की कमी वाले इलाकों में ग्राउंड पर मौजूद होगी। हम DJB की 200 प्रवर्तन टीमें बना रहे हैं, जो जल की बर्बादी की जांच करेगी।'
आतिशी मार्लेना ने आगे कहा कि कार वॉशिंग सेंटर पर भी पीने के पानी के इस्तेमाल पर बैन लगाया गया है। कंस्ट्रक्शन साइट पर पीने के पानी वाले वॉटर टैंकर या बोरबेल से पानी प्रयोग नहीं किया जाएगा। यदि किसी साइट पर पीने के पानी का उपयोग किया जाएगा, तो साइट को सील कर दिया जाएगा। दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि DJB के CEO छुट्टी पर हैं। दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य सचिव छुट्टी पर हैं। मैं अभी दवाई लेकर आया हूं। मुख्य सचिव ने बताया कि उन्होंने इन अधिकारियों को बगैर मंत्री को बताए छुट्टी दे दी है।
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