नई दिल्ली: आरक्षण की नीति के बारे में हरियाणा की राज्य सरकार ने एक अहम फैसला लिया है। हरियाणा में प्राइवेट सेक्टर की नौकरियों में स्थानीय उम्मीदवारों को 75 फीसद तक आरक्षण का लाभ मिलेगा। गुरुवार (5 नवंबर 2020) को हरियाणा की मनोहर लाल खट्टर के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार ने इसके संबंध में विधानसभा में विधेयक पारित किया गया। चुनाव प्रचार के दौरान भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सहयोगी दल जजपा ने अपने मैनिफेस्टो में इस बात का वादा किया था।
यह आदेश उन कंपनी, सोसाइटी, ट्रस्ट, फर्म या समूहों पर लागू होगा, जिनमें 10 या ज्यादा कर्मचारी कार्यरत हैं और जो हरियाणा में पहले से मौजूद हैं या नई स्थापित हुई हैं। यह आदेश विशेष रूप से नई भर्तियों पर प्रभावी होगा। इस आदेश से संबंधित एक और अहम बात यह है कि 50 हज़ार या इससे कम वेतन के दायरे में आने वाली नौकरियों पर ही यह आदेश प्रभावी होगा।
इस विधेयक को लेकर हरियाणा मुख्यमंत्री कार्यालय के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट करते हुए कहा गया है कि, “सीएम मनोहर लाल खट्टर ने विधानसभा में कहा कि ‘हरियाणा राज्य के स्थानीय प्रत्याशियों का नियोजन विधेयक-2020’ लाने का मुख्य उद्देश्य प्रदेश के युवाओं को ज्यादा से ज्यादा रोजगार उपलब्ध करवाना है। इससे निजी क्षेत्र में हरियाणा के युवाओं की 75 फीसद हिस्सेदारी सुनिश्चित होगी।”
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