जयपुर: राजस्थान के जैसलमेर जिले के रेतीले इलाके में एक दिलचस्प घटना घटी है, जहां बोरिंग के दौरान जमीन से पानी का एक विशाल स्रोत फूट पड़ा। यह बोरिंग भाजपा नेता विक्रम सिंह के खेत में हो रही थी। बोरिंग के दौरान जमीन के नीचे से पानी और गैस का रिसाव शुरू हो गया, जिससे आसपास का इलाका जलमग्न हो गया। पानी का दबाव इतना अधिक था कि वह 10-15 फीट ऊपर हवा में उछलने लगा। अब यह मामला चर्चा का विषय बन गया है, और स्थानीय लोग इसे विलुप्त हो चुकी सरस्वती नदी के स्रोत से जोड़ रहे हैं।
घटना के अनुसार, विक्रम सिंह ने अपने खेतों की सिंचाई के लिए शनिवार (28 दिसंबर 2024) को एक बड़ी बोरिंग मशीन का इस्तेमाल किया था। बोरिंग लगभग 850 फीट की गहराई तक पहुंच चुकी थी, तभी अचानक पानी की एक बड़ी धार फूट पड़ी। साथ ही, गैस का भी रिसाव शुरू हो गया। पानी का दबाव इतना था कि वह 10 फीट की ऊंचाई तक उछलने लगा। इसके बाद बोरिंग के लिए इस्तेमाल की जा रही मशीन भी पानी में समा गई, और आसपास के खेत जलमग्न हो गए। यह पानी का रिसाव रविवार तक जारी रहा, जिससे इलाके में हड़कंप मच गया।
स्थानीय प्रशासन को सूचित करने के बाद, आसपास के 500 मीटर के इलाके को खाली करवा लिया गया। इसके बाद, विशेषज्ञों की एक टीम और ऑयल एंड नैचुरल गैस कॉर्पोरेशन (ONGC) की टीम भी मौके पर पहुंची। ONGC ने बताया कि गैस का रिसाव खतरनाक नहीं है और इसमें कोई जहरीले केमिकल्स नहीं हैं। विशेषज्ञों का कहना था कि यह एक सामान्य घटना है, क्योंकि जहां बोरिंग की गई है, वहां कठोर चट्टानें हैं और उनके नीचे पानी है। इन चट्टानों के दबाव और गैस की वजह से पानी ऊपर आ रहा है, और कुछ समय में यह स्थिति सामान्य हो सकती है।
हालांकि, कुछ स्थानीय लोग और विश्व हिंदू परिषद (VHP) के प्रवक्ता विनोद बंसल इस घटना को सरस्वती नदी के विलुप्त स्रोत से जोड़ते हुए दावा कर रहे हैं कि यह उसी नदी का पानी है। लेकिन वैज्ञानिकों ने इस दावे को खारिज कर दिया है और कहा है कि बिना जांच के इस विषय में कोई निष्कर्ष नहीं निकाला जा सकता। इस घटना ने जैसलमेर और आसपास के इलाके में काफी हलचल मचा दी है, और यह देखना होगा कि आने वाले समय में इस पानी के स्रोत और गैस के रिसाव पर क्या कार्रवाई की जाती है।