जयपुर: राजस्थान में विधानसभा चुनाव से पहले 'घूंघट बनाम बुर्का' विवाद खड़ा होता नज़र आ रहा है। दरअसल, सीएम अशोक गहलोत एक सार्वजनिक कार्यक्रम में एक महिला का घूँघट हटाते हुए नज़र आ रहे हैं, जिसका वीडियो भी जमकर वायरल हुआ है। वहीं, उधर कांग्रेस कर्नाटक में शुरू से ही हिजाब-बुर्के के समर्थन में खड़ी है। बता दें कि, इससे पहले 2016 में भी अशोक गहलोत ने ट्वीट करते हुए लिखा था कि, 'अब महिलाओं को घूँघट की कैद से मुक्त किया जाना चहिए, क्योंकि हम 21वीं सदी में चल रहे हैं।' इससे स्पष्ट है कि, गहलोत सरकार महिला सशक्तिकरण और आधुनिकता के नाम पर घूँघट का तो विरोध कर रही है, लेकिन उसी कार्यक्रम में एक महिला बुर्के में भी सीएम गहलोत से मिलती है, जिससे वो कुछ नहीं कहते, जबकि महिला का घूँघट मुख्यमंत्री खुद अपने हाथ से हटाते हैं। कांग्रेस सरकार के इसी दोहरे रवैए पर विपक्षी दल भाजपा और सोशल मीडिया यूज़र्स सवाल उठा रहे हैं।
फर्क साफ है!
— Col Rajyavardhan Rathore (@Ra_THORe) June 15, 2023
कांग्रेस के सीएम को जबरदस्ती महिलाओं का घूंघट हटाना है। इसके लिए वह बाकायदा अभियान चलाते हैं, लेकिन बुर्के पर बोलती बंद हो जाती है और इनके आलाकमान हिजाब का समर्थन करते हैं। इस तरह कांग्रेस ने भारत को बर्बाद किया। ये दोगलापन नहीं तो और क्या ! pic.twitter.com/jnehSwOCB4
एक यूज़र ने इसपर लिखा है कि, 'तीन इंच का घुंघट नजर आया, तीन मीटर का बुर्का नजर नहीं आया।' वहीं, भाजपा ने सवाल किया है कि सीएम गहलोत जबरदस्ती महिला का घूंघट को हटा रहे हैं, मगर बुर्के को लेकर उनकी बोलती क्यों बंद हो जाती है ? क्यों कांग्रेस पार्टी हिजाब का समर्थन करती है? भाजपा के कई नेताओं ने सीएम अशोक गहलोत का वीडियो शेयर करते हुए उनपर सवाल दागे हैं। दरअसल, सीएम अशोक गहलोत का एक वीडियो वायरल हो रहा है। बांसवाड़ा में आयोजित किए गए एक कार्यक्रम के दौरान सीएम गहलोत दो हिंदू महिलाओं को घूंघट हटाने को कहते हैं। यही नहीं सीएम गहलोत खुद ही महिला का घूंघट हटाते हुए कहते हैं कि, 'घूंघट निकाल, घूंघट का जमाना गया अब। भाई के सामने क्या घूंघट निकालना।' इसके बाद गहलोत आगे बढ़ते हैं, तो एक मुस्लिम महिला बुर्के में नज़र आती है। मुख्यमंत्री उससे भी बात करते हैं, मगर बुर्के या हिजाब को लेकर एक शब्द नहीं कहते। भाजपा ने इसी दोहरे रवैये पर आपत्ति जाहिर की है, जो सोशल मीडिया यूज़र्स भी कह रहे हैं।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सिर्फ 1 मिनट 17 सेकंड के वीडियो में बता दिया कि घूंघट और बुर्के में वो कितना फर्क करते है। घूंघट वाली महिला आई तो अपने हाथों से उसका घूंघट हटा दिया लेकिन बुर्के वाली महिला के बुर्के पर एक शब्द नहीं निकला गहलोत जी के मुंह से! pic.twitter.com/0XGRSosfgw
— NIKHIL VYAS (@iNikhilVyas) June 15, 2023
भाजपा सांसद राज्यवर्धन सिंह राठौर ने इस वीडियो को शेयर करते हुए लिखा कि, 'फर्क साफ है। कांग्रेस के सीएम को जबरदस्ती महिलाओं का घूंघट हटाना है। इसके लिए वह बाकायदा अभियान चलाते हैं, लेकिन बुर्के पर बोलती बंद हो जाती है और इनके आलाकमान हिजाब का समर्थन करते हैं। इस तरह कांग्रेस ने भारत को बर्बाद किया। ये दोगलापन नहीं तो और क्या!'
वहीं, राजस्थान भाजपा के एक अन्य नेता लक्ष्मीकांत भारद्वाज ने भी मुख्यमंत्री का वीडियो साझा करते हुए ट्वीट में लिखा कि, 'मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जी कह रहे हैं कि घूंघट का जमाना गया अब, बात बिलकुल सही है, पर खाली घूंघट का?' दरअसल, अशोक गहलोत शुरू से ही घूँघट को समाजिक बुराई बताते हुए इसे खत्म करने की अपील करते नज़र आते हैं। हालाँकि, वे कभी भी हिजाब-बुर्के पर नहीं बोले। उल्टा उनकी पार्टी कांग्रेस का हाईकमान यानी गांधी परिवार खुलकर हिजाब, बुर्के का समर्थन करता दिखाई देता है। ऐसे में लोग सवाल कर रहे हैं कि, सेक्युलर होने का दावा करने वाली कांग्रेस में ये दोहरा मापदंड क्यों ? फिलहाल कांग्रेस की तरफ से इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गई है।
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