लखनऊ: उत्तर प्रदेश के हाथरस में दलित लड़की के साथ हुए कथित सामूहिक दुष्कर्म के मामले में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने अपनी चार्जशीट में कई अहम खुलासे किए है। CBI ने 18 दिसंबर को इलाहबाद उच्च न्यायालय में दाखिल चार्जशीट में कहा है हाथरस सामूहिक दुष्कर्म मामले में यूपी पुलिस ने लापरवाही की है।
CBI ने अपनी 19 पन्नों की दाखिल आरोपपत्र में कहा है कि 14 सितंबर को पीड़िता का बयान नहीं लिया गया है। पीड़िता ने अपने बयान में जबरदस्ती शब्द का उपयोग किया था, लेकिन पुलिस ने 2 बार यौन उत्पीड़न के मामलों की अनदेखी कर दी। जिससे फॉरेंसिक सबूत नष्ट हो गए। आरोपपत्र में CBI ने दावा किया है कि पीड़िता का बयान 5 दिन बाद लिया गया है और उसकी 8 दिन बाद टेस्ट कराया गया।
वहीं CBI ने यह भी आरोप लगाया कि पहली बार लिखित में उसके बयान को खारिज करते हुए पुलिस ने 2 अन्य सह-आरोपियों के नाम भी नहीं शामिल किए हैं. बता दें कि दलित युवती के साथ कथित तौर पर 14 सितंबर को हाथरस में 4 पुरुषों ने सामूहिक दुष्कर्म किया था। सीबीआई की तरफ से दाखिल की गई चार्जशीट में भी जांच एजेंसी ने इन सभी को आरोपी बनाया है।
एक हफ्ते में दिल्ली पहुंचेगी कोरोना वैक्सीन की पहली खेप, एयरपोर्ट पर स्टोरेज की तैयारियां पूरी
शिपिंग कंट्रोल ऑफ इंडिया में प्रबंधन नियंत्रण के हस्तांतरण के साथ किया ये काम
क़र्ज़ में डूबी कंपनियों के लिए वित्त मंत्री सीतारमण का बड़ा ऐलान, मिलेंगी ये राहत