मुंबई: महाराष्ट्र सरकार से बॉम्बे उच्च न्यायालय ने कहा है कि वह जॉनसन एंड जॉनसन (J&J) कंपनी के बेबी पाउडर की दोबारा टेस्टिंग करे एवं प्रॉडक्ट के टेस्ट में फेल होने पर कंपनी के विरुद्ध तत्काल कार्रवाई करे। दो वर्ष पूर्व ही कंपनी के बेबी पाउडर के नमूनों की तहकीकात में वह उचित मानकों की कसौटी पर खरा नहीं उतर पाया था। अब उच्च न्यायालय ने इस फैसले के दो साल पश्चात् प्रदेश सरकार को यह आदेश दिया है।
दरअसल जस्टिस जीएस पटेल एवं जस्टिस पीडी नाईक की पीठ महाराष्ट्र एफडीए के ज्वॉइन्ट कमिश्नर के उस आदेश को चुनौती देने वाली जॉनसन की याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें महाराष्ट्र एफडीए ने मुलुंड में कंपनी के बेबी पाउडर के प्रॉडक्शन पर रोक लगा दी थी। अदालत ने कहा कि इस स्थिति का आकलन करना संभव नहीं है। हम 2019 के टेस्ट एवं नोटिस के आधार पर ऐसा कह रहे हैं। हमें फिलहाल कंपनी के उत्पाद (बेबी पाउडर) की गुणवत्ता के बारे में सटीक खबर नहीं है। हमें नहीं पता कि इस उत्पाद को लेकर कंपनी की ब्रांड स्थिति क्या है।
कोर्ट ने कहा कि अप सैंपल्स टेस्ट करना चाहते हैं तो कल टेस्टिंग कर लीजिए। मगर यदि आपको यह लगता है कि कुछ परेशानी है तो आपको एक सप्ताह के अंदर कार्रवाई करनी होगी। यह मामला जनहित में है। हम आपसे एक सप्ताह के अंदर सैंपल की टेस्टिंग के लिए नहीं कह रहे हैं बल्कि एक सप्ताह के अंदर टेस्ट के परिणामों के आधार पर कार्रवाई करने को कह रहे हैं। इस मामले पर कंपनी नहीं बल्कि उपभोक्ताओं के नजरिए से कार्रवाई करनी होगी। बता दें कि इससे पहले बॉम्बे उच्च न्यायालय ने महाराष्ट्र सरकार और फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एफडीए) को आदेश दिए थे कि वह जॉनसन एंड जॉनसन प्राइवेट लिमिटेड को सेंट्रल ड्रग लेबोरेटरी, कोलकाता की वह रिपोर्ट सौंपे, जिसके आधार पर प्रदेश सरकार ने मुंबई में जॉनसन बेबी पाउडर की एक इकाई के कॉस्मैटिक मैन्युफैक्चरिंग लाइसेंस कैंसिल कर दिया था। महाराष्ट्र सरकार ने कंपनी से अपनी इस इकाई में पाउडर की मैन्युफैक्चरिंग एवं बिक्री तत्काल प्रभाव से बंद करने को भी बोला था।
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