दिल्ली हाई कोर्ट के फैसले से आप सरकार को बड़ा झटका लगा हैं। बता दे कि हाई कोर्ट ने 23 अप्रैल को होने वाले दिल्ली नगर निगम चुनावों में पेपर ट्रेल वोटिंग मशीन के इस्तेमाल की मांग से जुड़ी आम आदमी पार्टी की याचिका खारिज कर दी। अदालत ने कहा कि वह आखिरी समय पर ऐसा कोई आदेश जारी नहीं कर सकती।
आपको बता दे कि आम आदमी पार्टी की अर्जी थी कि 23 अप्रैल को होने वाले दिल्ली नगर निगम के चुनाव ईवीएम मशीनों से हों जिनमें कागज की पर्ची निकालने वाली VVPAT मशीन अटैच हो। इस पर जस्टिस एके पाठक ने कहा कि VVPAT जनरेशन-2 और जनरेशन-3 इलेक्ट्रॉनिक मशीनें लगवाने का आदेश इस समय नहीं दिया जा सकता। यह मशीन मतदाता को वह पर्ची देती है जिसमें उसके द्वारा वोट दी गई पार्टी का चुनाव चिह्न अंकित होता है। यह स्लिप कुछ देर बाद अपने आप ही एक सील्ड बॉक्स में गिर जाती है। और अंतिम समय में इसके इस्तेमाल का आदेश नहीं दिया जा सकता क्योंकि यह चुनाव प्रक्रिया को बाधित करने जैसा होगा।
आम आदमी पार्टी और एमसीडी चुनावों में एक उम्मीदवार मोहम्मद ताहिर हुसैन ने इस बारे में याचिका दायर की थी। उन्होंने कहा था कि इस्तेमाल होने वाली ईवीएम पुरानी हैं और इनसे छेड़छाड़ हो सकती है। हालांकि हाईकोर्ट ने इस अपील को खारिज करते हुए राज्य निर्वाचन आयोग से ये जरूर पूछा कि ईवीएम पर सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइंस आने के बाद भी वीवीपैट मशीनों का इस्तेमाल क्यों नहीं किया जा रहा है। बहस के दौरान दिल्ली पोल पैनल ने कहा है कि ईवीएम के इस्तेमाल पर सवाल उठाकर आम आदमी पार्टी वोटर्स को अच्छा संदेश नहीं दे रही है।
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