इंदौर: मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने इंदौर के पुलिस आयुक्त संतोष कुमार सिंह के खिलाफ अदालत की अवमानना का नोटिस जारी किया है। यह कदम एक सरकारी स्कूल में छात्राओं के कपड़े उतरवाकर तलाशी लेने के मामले में पुलिस की ओर से अदालत के निर्देशों का पालन न करने पर उठाया गया। कोर्ट ने पुलिस आयुक्त को 25 नवंबर को अगली सुनवाई में व्यक्तिगत रूप से उपस्थित रहने का आदेश भी दिया है।
घटना 2 अगस्त की है, जब इंदौर के एक सरकारी स्कूल में एक कक्षा के दौरान मोबाइल फोन की घंटी बजने पर शिक्षिका ने फोन खोजने के लिए पांच छात्राओं को शौचालय में ले जाकर उनके कपड़े उतरवाकर तलाशी ली थी। इस घटना के बाद, छात्राओं के अभिभावकों ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी। सामाजिक कार्यकर्ता चिन्मय मिश्र ने इस मामले में जनहित याचिका दायर की, जिस पर सुनवाई करते हुए अदालत ने पुलिस आयुक्त से जांच रिपोर्ट मांगी थी, जिसमें यह स्पष्ट करने को कहा गया था कि क्या इस घटना में पॉक्सो अधिनियम के प्रावधान लागू किए जा सकते हैं। पुलिस आयुक्त को अदालत में एक महीने के भीतर रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए गए थे।
बुधवार को हुई सुनवाई में मुख्य न्यायाधीश सुरेश कुमार कैत और न्यायमूर्ति सुश्रुत अरविंद धर्माधिकारी की पीठ ने कहा कि पुलिस आयुक्त ने अदालत के आदेश का पालन नहीं किया। इस वजह से उनके खिलाफ अवमानना नोटिस जारी किया गया और उनसे जवाब मांगा गया कि क्यों न उनके खिलाफ अदालत की अवमानना की कार्यवाही शुरू की जाए। मल्हारगंज थाने में दर्ज शिकायत के बाद, पुलिस ने शिक्षिका के खिलाफ आईपीसी की धारा 76, 79 और किशोर न्याय अधिनियम की धारा 75 के तहत मामला दर्ज किया। प्रारंभिक जांच में यह पाया गया कि शिक्षिका का उद्देश्य गलत नहीं था, इसलिए पॉक्सो अधिनियम की धाराएं नहीं जोड़ी गई थीं।
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