बैंगलोर: गुरुवार (25 अप्रैल) को, कर्नाटक उच्च न्यायालय ने राज्य के उडुपी जिले में लव जिहाद के बढ़ते खतरे के खिलाफ 2022 के 'घृणास्पद भाषण' के संबंध में काजल हिंदुस्तानी के खिलाफ आपराधिक कार्यवाही पर रोक लगा दी। रिपोर्टों के अनुसार, हिंदू कार्यकर्ता ने अपने खिलाफ आपराधिक कार्यवाही को रद्द करने के लिए कर्नाटक उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था। काजल हिंदुस्तानी ने कहा है कि उनके खिलाफ दर्ज की गई प्रथम सूचना रिपोर्ट (FIR) एक राजनीतिक चाल थी, जिसका उद्देश्य उनकी छवि और प्रतिष्ठा को धूमिल करना था।
याचिका में कहा गया है कि, “प्रतिवादी पुलिस ने CrPC की धारा 196 (1-ए) (ए) के तहत सक्षम प्राधिकारी की पूर्व मंजूरी के बिना याचिकाकर्ता के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया है। ऐसे में, याचिकाकर्ता के खिलाफ पूरी कार्यवाही रद्द होने योग्य है।” काजल हिंदुस्तानी के खिलाफ 2022 में भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 34 और 153ए के तहत एफआईआर दर्ज की गई थी, जबकि आईपीसी की धारा 505(2) के तहत उनके खिलाफ आरोप पत्र दायर किया गया था।
यह मामला न्यायमूर्ति एम नागप्रसन्ना की पीठ के समक्ष सुनवाई के लिए आया। हिंदू कार्यकर्ता ने कहा था कि उनके खिलाफ शिकायत में लोगों को हिंसा के लिए उकसाने या अव्यवस्था पैदा करने के 'इरादे' का खुलासा नहीं किया गया है, जो IPC 505(2) के तहत मामले के लिए जरूरी है। दलीलें सुनने के बाद, कर्नाटक उच्च न्यायालय ने मामले में आगे की कार्यवाही पर रोक लगा दी और मामले को गर्मी की छुट्टियों के बाद सुनवाई के लिए फिर से पोस्ट कर दिया।
क्या है मामला :-
बता दें कि 2 अक्टूबर, 2022 को काजल हिंदुस्तानी ने 'दुर्गा दौड़' जुलूस में भाग लिया था, जो कर्नाटक के उडुपी जिले के शिवल्ली गांव में कदियाली महिषामर्दिनी मंदिर में आयोजित किया गया था। इवेंट के दौरान उन्होंने कहा था, ''दक्षिण भारतीयों को बॉलीवुड फिल्मों का बहिष्कार करना चाहिए। बॉलीवुड फिल्मों का मकसद लव जिहाद का जहर बोना है। उत्तर भारतीय बॉलीवुड फिल्मों का बहिष्कार कर रहे हैं. लेकिन आप दक्षिण भारतीयों को क्या हो रहा है?''
उन्होंने कहा था कि, “बॉलीवुड फिल्मों और धारावाहिकों के माध्यम से हिंदू महिलाओं का अपमान किया जा रहा है। हिंदू महिलाओं को प्रेमी और अवैध संबंध रखने वाले के रूप में चित्रित किया जाता है। लेकिन हिंदू महिलाएं अपने वास्तविक जीवन में ऐसा कभी नहीं करतीं।'' काजल हिंदुस्तानी ने कहा था, “PFI का मतलब पॉपुलर फ्रंट नहीं है बल्कि PFI का मतलब है ‘भारत के लिए जहर’। इस देश में हिंदू खतरे में हैं। हिंदुओं को तीन महत्वपूर्ण निर्णय लेने होंगे। सभी को हिंदू संस्कारों का पालन करना चाहिए, हिंदुओं से खरीदारी करनी चाहिए और हिंदुओं को ही नौकरियां देनी चाहिए। देश के अंदर जिहादी पैदा करने के लिए अपने पैसे का इस्तेमाल न होने दें।
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