नई दिल्ली: दिल्ली हाई कोर्ट ने बुधवार को कहा कि वह नौ वर्ष की दलित लड़की की पहचान उजागर करने के आरोप में कांग्रेस नेता राहुल गांधी के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करने के अपील वाली याचिका पर 27 सितंबर को सुनवाई करेगा। दक्षिणपश्चिम दिल्ली में नौ वर्ष की बच्ची से कथित रूप से दुष्कर्म हुआ था तथा फिर उसका क़त्ल कर दिया था। राहुल गांधी पर आरोप है कि उन्होंने बच्ची की उसके माता-पिता के साथ एक फोटो ट्विटर पर प्रकाशित कर उसकी पहचान उजागर की है।
वही मुख्य जस्टिस डी एन पटेल तथा न्यायमूर्ति ज्योति सिंह की पीठ ने मकारंद सुरेश म्हादेलकर द्वारा दायर जनहित याचिका (पीआईएल) पर इस चरण में नोटिस जारी करने से मना कर दिया तथा पक्षों से ‘‘एक से दो पन्ने की दलीलों को अगली सुनवाई तक तैयार रखने” को कहा। ट्विटर का प्रतिनिधित्व कर रहे सीनियर एडवोकेट साजन पूवाय्या ने कोर्ट को बताया कि जिस ट्वीट के सिलसिले में बात की जा रही है उसे हटा दिया गया है क्योंकि यह प्लेटफॉर्म की अपनी नीति के खिलाफ है।
पूवाय्या ने कहा, अकाउंट लॉक कर दिया गया है तथा ट्वीट उपलब्ध नहीं है। हालांकि म्हादेलकर के अधिवक्ता, गौतम झा ने ट्विटर के दावे से असहमति जताई तथा कोर्ट से हलफनामा मांगने का अनुरोध किया। कोर्ट ने सुनवाई स्थगित करने से पहले कहा, यदि यह रवैया है, तो हम नोटिस जारी नहीं कर रहे हैं। सीनियर एडवोकेट आर एस चीमा राहुल गांधी की ओर से पेश हुए। सामाजिक कार्यकर्ता, म्हादलेकर ने अपनी याचिका में बताया कि पीड़िता के माता-पिता के साथ फोटो पोस्ट करके गांधी ने किशोर न्याय (बच्चों की देखभाल एवं संरक्षण) अधिनियम, 2015 तथा यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण अधिनियम, 2012 का उल्लंघन किया है जो यौन अपराधों के नाबालिग पीड़ितों की पहचान सार्वजनिक करने पर प्रतिबंध लगाता है।
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