यदि आपका भी HDFC बैंक में अकाउंट है तथा आपके ऊपर कोई लोन चल रहा है तो आपके लिए एक अच्छी खबर है. दरअसल, HDFC बैंक ने अपने ग्राहकों को बड़ा तोहफा देते हुए अपनी मार्जिनल कॉस्ट ऑफ लेंडिंग रेट यानी MCLR को रिवाइज किया है. मार्जिनल कॉस्ट में परिवर्तन के पश्चात् होम लोन, कार लोन, पर्सनल लोन एवं एजुकेशन लोन सहित सभी प्रकार के लोन की ब्याज दरों में परिवर्तन होगा.
मार्जिनल कॉस्ट में कटौती का सीधा फायदा ग्राहकों को होगा, इससे ग्राहकों पर EMI का बोझ कम होगा. नई दरें 7 जून शनिवार से लागू हो चुकी हैं. बैंक का एमसीएलआर 8.95 प्रतिशत से लेकर 9.35 प्रतिशत के बीच है. HDFC बैंक का ओवरनाइट एमसीएलआर रेट 8.95 प्रतिशत पर पहुंच गया है. बैंक के एक महीने के MCLR में किसी प्रकार का परिवर्तन नहीं किया गया है. यह 9 प्रतिशत पर बना हुआ है. बैंक का 3 महीने का एमसीएलआर 9.15 प्रतिशत हो गया है. 6 महीने के लोन की अवधि का MCLR 9.30 प्रतिशत हो चुका है. एक वर्ष से लेकर 2 वर्षों के बीच एमसीएलआर 9.30 प्रतिशत रहेगा. इसमें 5 बेसिस प्वाइंट का परिवर्तन किया गया है. बैंक का दो वर्षों का MCLR 9.30 और 3 वर्षों का 9.35 प्रतिशत है. 3 वर्षों से अधिक के MCLR में किसी प्रकार का परिवर्तन नहीं किया गया है.
मार्जिनल कॉस्ट ऑफ लेंडिंग रेट के माध्यम से बैंक होम लोन, कार लोन, पर्सनल लोन, बिजनेस लोन आदि जैसी कई प्रकार के लोन की ब्याज दरों को तय करता है. MCLR बढ़ने पर जहां ग्राहकों पर EMI का बोझ बढ़ता है वहीं, इसके घटने पर EMI का बोझ कम हो जाता है. RBI की MPC बैठक में रिजर्व बैंक ने रेपो रेट में किसी प्रकार का परिवर्तन नहीं किया है. रेपो रेट फिलहाल 6.50 प्रतिशत पर स्थिर बना हुआ है. रिजर्व बैंक ने निरंतर 8वीं बैठक में रेपो रेट में कोई परिवर्तन नहीं किया गया है. आखिरी बार फरवरी, 2023 में रेपो रेट में परिवर्तन किया था. तब उसे बढ़ाकर 6.5 प्रतिशत कर दिया गया था यानी 16 महीने से रेपो रेट एक ही स्तर पर स्थिर है.
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