मुंबई: मुंबई में वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024 पर हुई एक महत्वपूर्ण बैठक के दौरान, AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी और तृणमूल कांग्रेस (TMC) के सांसद कल्याण बनर्जी पर एक व्यक्ति को धमकाने और धार्मिक आधार पर घृणा फैलाने के गंभीर आरोप लगे हैं। बैठक का आयोजन संयुक्त संसदीय समिति (JPC) द्वारा किया गया था, जिसका उद्देश्य इस विधेयक पर विभिन्न समुदायों और संगठनों के विचार सुनना था।
बैठक के दौरान गुलशन फाउंडेशन के सदस्य इरफान अली परीज़ादे ने मोदी सरकार के वक़्फ़ विधेयक का समर्थन किया। परीज़ादे का कहना है कि उनके इस समर्थन के बाद असदुद्दीन ओवैसी और कल्याण बनर्जी ने नाराजगी जाहिर की और उन्हें बैठक से बाहर निकलवाने का इशारा किया। इसके बाद सुरक्षा गार्ड ने परीज़ादे को धक्का देकर बाहर कर दिया और कथित तौर पर उनसे कहा, "काफिरों की मदद कर रहा है, देख लेंगे।" इस घटना के बाद परीज़ादे ने मुंबई एयरपोर्ट पुलिस स्टेशन में ओवैसी और बनर्जी के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई, जिसमें धार्मिक घृणा फैलाने और धमकाने के आरोप लगाए गए। पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता की धारा 196, 115(2) और 351(2) के तहत मामला दर्ज किया है।
बैठक में मुस्लिम विद्वानों, बुद्धिजीवियों और कई संगठनों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया और वक्फ (संशोधन) विधेयक पर अपनी असहमति व्यक्त की। हालांकि, जब परीज़ादे ने इस विधेयक का समर्थन किया, तो यह विवाद खड़ा हो गया। गुलशन फाउंडेशन के कुछ सदस्य इस विधेयक का समर्थन कर रहे हैं, जबकि अधिकांश मुस्लिम संगठनों का मानना है कि यह विधेयक समुदाय के हितों के खिलाफ है और इससे उनके धार्मिक अधिकारों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। विधेयक के समर्थकों का तर्क है कि यह वक्फ संपत्तियों के बेहतर प्रबंधन के लिए जरूरी है, जबकि विरोधियों का कहना है कि इससे मुस्लिम समुदाय के सामाजिक और धार्मिक अधिकारों को नुकसान होगा।
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