पुणे: पुणे हिट एंड रन मामले में मुख्य नाबालिग अपराधी को बॉम्बे उच्च न्यायालय ने जमानत पर रिहा कर दिया है। किन्तु इस फैसले से मृतक अनीश अवधिया की मां खुश नहीं हैं। उन्होंने कहा कि जज साहब एवं पूरे सिस्टम को सिर्फ नाबालिग अपराधी की तकलीफ नजर आ रही है। किन्तु हमारा दर्द क्यों नहीं दिख रहा? दुर्घटना में जान गंवाने वाले सॉफ्टवेयर इंजीनियर अनीश की मां ने कहा कि हम अदालत के इस फैसले से बेहद निराश हैं। हम नहीं चाहते कि अपराधी नाबालिग को फांसी हो। किन्तु इतनी सजा तो अवश्य मिलनी चाहिए कि वो दोबारा ऐसी गलती न करे।
मंगलवार को बॉम्बे उच्च न्यायालय में दायर याचिका में आरोप लगाया गया था कि नाबालिग अपराधी को अवैध हिरासत में रखा गया है। उच्च न्यायालय ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनी थीं। फिर फैसला लिया कि अपराधी नाबालिग को रिहा कर दिया जाए। अदालत ने रिमांड आदेश को अवैध करार देते हुए उसे रद्द कर दिया। नाबालिग के माता-पिता एवं दादा फिलहाल सलाखों के पीछे हैं, इसलिए नाबालिग अपराधी की कस्टडी उसकी मौसी को दे दी गई है। अदालत के आदेश के पश्चात् नाबालिग अपराधी को निगरानी गृह से बाहर निकाल दिया गया।
बॉम्बे उच्च न्यायालय के इस फैसले के पश्चात् अनीश अवधिया की मां सविता अवधिया ने प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि नाबालिग अपराधी को रिहा नहीं करना चाहिए था। अदालत ने उसकी समस्या देखकर उसे रिहा कर दिया गया है, लेकिन हमारा क्या? नाबालिग अपराधी की वजह से दो घरों के चिराग बुझ गए। आप ही बताइये इस फैसले से क्या एक मां खुश होगी जिसका 24 वर्षीय जवान बेटा उससे हमेशा हमेशा के लिए छिन गया हो। वो भी किसी और की लापरवाही की वजह से। हम बस न्याय की उम्मीद लगाए बैठे हैं। हमें उम्मीद है कि हमें और अश्विनी कोष्ठा के परिवार को न्याय जरूर मिलेगा।
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