आज के समय में सही डाइट नहीं लेने, बहुत ज्यादा या बहुत कम एक्सरसाइज करने, नींद नहीं पूरी होने, स्ट्रेस, बर्थ कंट्रोल पिल्स लेने और कीटनाशक जैसे जहरीले पदार्थों के संपर्क में आने से हार्मोन्स में बैलेंस बिगड़ सकता है। महिलाओं में हार्मोन का बैलेंस बिगड़ जाए तो घबराहट, चिड़चिड़ेपन, थकान, वजन बढ़ने के अलावा बाल झड़ने, सिरदर्द, फिजिकल इंटिमेसी की इच्छा कम होने, मुंहासे, इन्फर्टिलिटी जैसी कई समस्याएं हो सकती हैं। इन समस्याओं से निजात पाने के लिए जरूरी है अपने खानपान और जीवनशैली को सही किया जाए। इन नेचुरल तरीकों से हार्मोन संतुलन को ठीक करें
मेथी दाना: आयुर्वेद में मेथी दाने को जड़ी बूटी के समान मानते हैं। मेथी एस्ट्रोगेनिक इफ़ेक्ट को बढ़ावा देती है। यह ब्लड शुगर की मात्रा को नियंत्रित रखने में मदद करती है और ग्लूकोज मेटाबॉल्जिम की खराबी को ठीक करती है, जिससे वजन को काबू रखने में आसानी होती है। रोजाना एक कप गरम पानी में 1 चम्मच मेथी दाने को 15 मिनट तक भिगो कर रखें, फिर छान कर दिन में 3 बार पियें। इसके साथ में आप नींबू या शहद भी मिक्स कर सकती हैं।
एक्सरसाइज: नियमित रूप से 20 से 30 मिनट डेली एक्सरसाइज करने से आपके हार्मोन संतुलित रह सकते हैं। इससे तनाव के स्तर में भी कमी आती है क्योंकि स्ट्रेस हार्मोन एस्ट्रोजेन हार्मोन को ब्लॉक कर देता है, जिससे पूरे शरीर को परेशानी भुगतनी पड़ती है। आप रोजाना टहल सकती हैं, जॉगिंग, स्वीमिंग या योगा कर सकती हैं।
विटामिन डी: विटामिन डी पिट्यूटरी ग्रंथि को प्रभावित करता है, जहां हार्मोन बनते हैं। यह एस्ट्रोजन के कम स्तर के लक्षणों को धीमा कर सकता है। इसके असर से वजन काबू में रहता है और भूख भी खुलकर लगती है। यदि आपके शरीर में विटामिन डी की कमी हो जाती है तो, शरीर में पैराथायरॉयड हार्मोन का असामान्य स्त्राव होने लगेगा। विटामिन डी के लिए सूर्य की रोशनी सबसे अच्छा स्रोत है। सॉल्मन और टुना फिश, डेयरी प्रोडक्ट्स और डेयरी प्रोडक्ट्स से भी विटामिन डी की कमी पूरी होती है।
नारियल तेल : नारियल तेल कुदरती रूप से हाइपोथायरायडिज्म को ठीक कर देता है। यह ब्लड शुगर का स्तर संतुलित रखता है और इम्यूनिटी को भी स्ट्रॉन्ग बनाए रखता है।
ओमेगा - 3 फैटी एसिड : ओमेगा 3 फैटी एसिड हार्मोन बैलेंस बनाने में काफी ज्यादा मददगार होते हैं। ये पीरियड्स के तेज दर्द को शांत करने और मेनोपॉज के लक्षणों को कम करते हैं। ओमेगा 3 फैटी एसिड्स के लिए मछली, अलसी के बीज, अखरोट, सोया बींस, टोफू और ऑलिव ऑइल से प्राप्त हो सकता है। डॉक्टर की सलाह पर आप ओमेगा 3 की टैबलेट भी ले सकती हैं।
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