योग प्राकृतिक रूप से थायरॉयड की समस्या को सुधार सकता है और उपचार कर सकता है। यौगिक जीवन शैली से तनाव दूर होता है और जिंदगी खुश और आसान बनती है। कई योग आसनों से आपको थायरॉयड में सुधार लाने में हेल्प मिलती है। बस आपको अपनी शारीरिक क्षमताओं का ध्यान रखना होगा। जिन यौगिक पोजों में गले में हलचल होती है वह सामान्य रूप से थायरॉयड में मदद मिलती है। गले मे थायरॉयड ग्लैंड के एनर्जी के बहाव और ब्लड सर्कुलेशन में सुधार लाता है। यह आपकी गर्दन की मसल्स को भी ताकत और स्ट्रेच देते हैं। आज हम कुछ योगासन के बारे में जिन्हें करने से थायरॉयड में सुधार में हेल्प मिलेगी। आइए जानें कौन से है ये योगासन।
सेतुबंधआसन:सेतु के आकार का पोज बहुत ही आसान है, यह सीधे थायरॉयड ग्लैंड व गले की मसल पर अच्छा खिंचाव देता है। सेतुबंधआसन दिमाग शांत करने मदद करता है, तनाव या व्यग्रता को दूर करता है साथ ही डाइजेशन को सुधारता है।
भुजंगासन: यह आसान आसन गले व गर्दन के भाग को अच्छी तरह से स्ट्रेच देता है, इस वजह से थायरॉयड की समस्या में राहत मिलती है। गर्दन का दर्द भी कम करने में हेल्प करता है, यहां के स्नायु को दृढ़ और मजबूत बनाता है।
प्राणायाम: प्राणायाम जैसे कि उज्जयी, भ्रामरी, डायफ्रोमेटिक ब्रीदिंग और नाड़ीशोधन प्राणायाम थायरॉयड को बेलेंस करने में मदद करते हैं। यह गले की मसल पर सीधे असर डालता है, और अच्छी तरह काम करने में मदद करता है।
सर्वांगासन: यह कंधे पर अपने आपको उठाना थायरॉक्सीन को कंट्रोल करने व थायरॉयड ग्लैंड को कंट्रोल करने में मदद करेगा। यह आसन उल्टी तरह होने से ब्लड को पैरों की तरफ से ब्रेन तक बहता है, जो थाइरॉयड समस्या में हेल्प करता है।
मेडीटेशन: ध्यान के साथ मंत्र जप भी थायरॉयड के लिये बहुत असरकारक है। सिर्फ थोड़ी देर ही किया ध्यान मन को शांत तथा तनाव को कम करता है।
मत्स्यासन: मत्स्यासन या मछली का पोज बनाने से गले को खिंचाव मिलता है, तनाव कम करता है, जोड़ों को कड़क होने से रोकता है, शरीर को आराम देता है और थायरॉयड की वजह से जो तनाव या मूढ में उतार-चढ़ाव आते हैं उसे ठीक करता है।
इसके अलावा संपूर्ण और पूरी तरह से नींद लेना बहुत आवश्यक है। शरीर कुदरती तौर पर मेलाटेनिन हार्मोन छोड़ता है इसलिये अच्छी नींद मिलती है तो समय पर सोने व उठने की साइकिल सुधरती है। 10 बजे आपको सो जाना चाहिए। जब हम सोते हैं तो पीनियल ग्लैंड अच्छे से काम कर पाती है जिससे हमारे शरीर के हार्मोन्स को बैलेंस करने में हेल्प मिलती है।
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