हवा में चुभन का यह मौसम बुजुर्गों और अर्थराइटिस के रोगियों की परेशानी बढ़ा देता है। इस मौसम में कई रोगियों के घुटने का दर्द, अकड़न और असहजता बढ़ जाती है क्योंकि वातावरण में प्रेशर के कारण ब्लड सर्कुलेशन में बाधा होती है। इसे अक्सर आयु सम्बंधी नुकसान या मौसमी बदलाव समझा जाता है, लेकिन यह अर्थराइटिस के लक्षण हो सकते हैं। लोग सर्दियों में आलसी हो जाते हैं। इससे घुटने प्रभावित हो सकते हैं और अगर आपका पहले से अर्थराइटिस का ट्रीटमेंट चल रहा है तो उस हालत में दर्द बढ़ सकता है। अगर दर्द बहुत तेज है और घुटने का अर्थराइटिस पुराना हो चुका है, तो टोटल नी रिप्लेसमेन्ट (टीकेआर) पर विचार किया जा सकता है।
ध्यान देने वाली बात ये है की सावधानियों के बारे में कभी-कभी ऐसे रोगियों को भी सर्दी के दौरान दर्द होता है, जो चिकित्सकीय सलाह ले चुके हैं या घुटने की सर्जरी करवा चुके हैं। डॉक्टर के पास जाकर आप लक्षणों को बेहतर तरीके से समझेंगे। विशेषज्ञ आपकी मेडिकल प्रोफाइल का विश्लेषण करेंगे और उसके अनुसार सावधानी बताएंगे, जैसे एक्सरसाइज, फिजियोथेरैपी, सही डाइट, सप्लीमेंट आदि, ताकि सर्दियों के दौरान हड्डियां मजबूत रहें। इसके अलावा एक्टिव लाइफस्टाइल को अपनाकर जोड़ों के दर्द को दूर रखा जा सकता है, विशेषकर अर्थराइटिस के रोगियों के लिए। घर के बाहर ठंडी हवा को एक्सरसाइज में बाधा मत बनने दीजिए। काम करते हुए या घर में रहते हुए छोटे ब्रेक लेकर चलते भी रहिए, ताकि आपका वेट कंट्रोल में रहे।
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