सर्दियों के मौसम में होने वाले फंगल इन्फेक्शन को रोकने में नीम काफी लाभ होता है। नीम सेहत के लिए रामबाण मानी जाती है और इसका तेल भी महिलाओं को स्वस्थ रखने में बहुत उपयोगी है। इन 5 हेल्थ प्रॉब्लम्स में नीम का तेल आपको विशेष लाभ देगा-
दांत और मसूड़े : दांतों और मसूड़ों की प्रॉब्लम से जूझ रही हैं तो नीम के तेल की कुछ बूंदें अपने टूथपेस्ट में मिला कर उससे पेस्ट करें। नीम के तेल के एंटी बेक्टीरियल तत्व दांतों की प्रॉब्लम्स जैसे कि दांतों के दर्द, दांत के कैंसर, दांतों में सड़न आदि में काफी राहत देते हैं। प्लाक और गंदगी साफ करने से दांत शाइन करते हुए नजर आते हैं।
सोरायसिस में असरदार: सोरायसिस भी आपके शरीर में ऑटोइम्यून गड़बड़ी के कारण होता है, जिससे स्किन की ड्राइनेस बढ़ जाती है। और नीम का तेल इस तरह से प्रभावी होता है क्योंकि यह एक्जिमा का इलाज करता है।
एक्जिमा में मिलती है राहत: एक्जिमा शरीर के इम्यून सिस्टम से उपजी त्वचा की बीमारी है। इससे ड्राइनेस फील होती है और त्वचा पर काफी खुजली मचती है। एक्जिमा वाले स्पॉट्स पर नीम तेल का इस्तेमाल करने से काफी राहत महसूस होती है क्योंकि तेल से ड्राइनेस कम हो जाती है और इन्फेक्शन शरीर के दूसरे हिस्से में होने का खतरा भी कम होता है। अगर आप आकर्षक दामों पर नीम का तेल घर बैठे पाना चाहती हैं तो यहां से पा सकती हैं
एंटी फंगल खूबियां: एथलीट फूट, नाखून कवक जैसी स्किन डिजीज फंगल इन्फेक्शन के कारण होती है। नीम में पाए जाने वाले दो तत्व ‘गेदुनिन' और ‘निबिडोल' त्वचा के फंगल इन्फेक्शन को खत्म करते हैं।
अस्थमा और फेफड़े के इन्फेक्शन : अस्थमा की प्रॉब्लम है तो नीम के तेल की भाप से काफी आराम मिल सकता है। इस तेल में जो तत्व होते हैं, वो नेचर में एंटी-हिस्टेमिनिक हैं। साथ ही प्रभावकारी एंटीमाइक्रोबियल गुणों के कारण यह ज्यादा बेहतर काम करता है। भाप लेने के लिए एक भगोने में पानी गरम करें, इसमें नीम तेल की कुछ बूंदे डाल लें। इसके बाद अपने सिर और चेहरे को एक तौलिया से ढंककर भाप लें। इससे अस्थमा के मरीजों को काफी राहत महसूस होती है।
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