कोरोना वायरस (सीओवी) का संबंध वायरस के ऐसे परिवार से है, जिसके इंफेक्शन से जुकाम से लेकर सांस लेने में तकलीफ जैसी समस्या हो सकती है। इस वायरस को पहले कभी नहीं देखा गया है। इस वायरस का इंफेक्शन दिसंबर में चीन के वुहान में शुरू हुआ था। डब्लूएचओ के अनुसार, बुखार, खांसी, सांस लेने में तकलीफ इसके लक्षण हैं। अब तक इस वायरस को फैलने से रोकना वाला कोई इंजेक्शन नहीं बना है। कोरोना वायरस से इंफेक्शन के मामलों में ऐसा लगता है कि इसकी शुरुआत बुखार से होती है और फिर उसके बाद सूखी खांसी का हमला होता है। हफ़्ते भर तक ऐसी ही स्थिति रही तो सांस की तकलीफ शुरू हो जाती है। लेकिन गंभीर मामलों में ये इंफेक्शन निमोनिया या सार्स बन जाता है, किडनी फेल होने की स्थिति बन जाती है। कोरोना के ज्यादातर मरीज़ बड़ी उम्र के लोग हैं, खासतौर पर वह जो पहले से ही पार्किंसन या डायबिटिज जैसी बीमारियों से जूझ रहे हैं। यह वायरस एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता है। इसलिए इसे लेकर बहुत सावधानी बरती जा रही है।
-हाथों की नियमित रूप से सफाई करनी चाहिए। इसके लिए साबुन से अच्छे से हाथों को साफ करें, खासतौर पर किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने के तुरंत बाद। अल्कोहल आधारित हैंड रब का इस्तेमाल भी किया जा सकता है।
-जिन व्यक्तियों में कोल्ड और फ्लू के लक्षण हों उनसे उचित दूरी बनाकर रखें।
-अंडे और मांस के सेवन से बचें। खासतौर पर कच्चा या अधपका मांस खाने से बचें।
-खांसते और छीकते समय नाक और मुंह रूमाल या टिश्यू पेपर से ढककर रखें।
-जंगली जानवरों के संपर्क में आने से बचें।
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