नई दिल्ली : हाल ही में स्वास्थ्य मंत्रालय 300 से ज्यादा दवाइयों को बैन करने जा रही है. देश की सर्वोच्च ड्रग अडवाइजरी बॉडी की एक उप-समिति की बैठक हुई है जिसके इस पर विचार किया जा रहा है कि कुछ दवाइयों को बैन करना पड़ सकता है. इस दवाइयों के बारे में बता दें कि ये फिक्स्ड डोज कॉम्बिनेशन (एफडीसी) मेडिसिन्स हैं जिससे सरकार एबॉट जैसी बड़ी बहुराष्ट्रीय कंपनियां (एमएनसीज) समेत पीरामल, मैक्लिऑड्स, सिप्ला और ल्यूपिन जैसी घरेलू दवा निर्माता के अलावा भी कई कंपनियां प्रभावित होंगीं. इसके लिए ये भी कहा जा रहा है कि इसके लिए कोर्ट के दरवाजे खटखटाये जा सकते हैं.
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जानकारी के लिए बता दें कि इन दवाइयों में कफ सिरप से लेकर पैन किलर भी शामिल हो सकती हैं. एक अखबर के अनुसार फेंसेडिल, सेरिडॉन और डी'कोल्ड टोटल जैसे कफ सिरप, दर्द निवारक और फ्लू की दवाइयों पर पाबंदी लग सकती है. ये दवाइयां लोगों के बीच आम हो चुकी हैं जिसके कारण इन पर बैन लग सकता है. इन दवाइयों की ड्राफ्ट लिस्ट ड्रग टेक्नॉलजी अडवाइजरी बोर्ड की सिफारिशों के आधार पर तैयार की गई है.
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इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल ये आदेश दिया था कि वह स्वास्थ्य मंत्रालय को कारण सहित बताना होगा कि किन दवाइयों को पूरी तरह बैन कर रहा है या फिर रेग्युलेट और रेस्ट्रिक्ट कर रहा है. इससे दवा कंपनियों के बीच चली अनबन भी सामने आई है. पूरे मामले को जानकार अधिकारीयों ने कहा कि अगले हफ्ते इसके बारे में अंतिम सुचना दी जाएगी और उस पर एक अधिकारी ने बताया कि 'स्वास्थ्य मंत्रालय 343 एफडीसीज को बैन करेगा.' लेकिन हेल्थ मिनिस्टर अब बी यही कह रहे हैं इस मामले पर विचार किया जा रहा है.
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