नई दिल्लीः देश की सबसे प्रतिष्ठित मेडिकल शिक्षण संस्थानों में शुमार एम्स में अगले साल से एमबीबीएस कोर्स में नीट के जरिए दाखिला होगा। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने ऐलान किया कि, एम्स और जिपमर समेत देश के सभी मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस कोर्स में 2020 से नीट के आधार पर दाखिला मिलेगा। अभी तक एम्स और जेआईपीएमईआर को छोड़कर बाकी मेडिकल कॉलेजों में नीट से एडमिशन मिलता था। डॉ. हर्षवर्धन ने बताया, नेशनल मेडिकल कमीशन (एनएमसी) एक्ट अगले साल से लागू होगा।
इसके अनुसार, एम्स और जिपमर (जवाहर इंस्टीट्यूट ऑफ पोस्ट ग्रेजुएट मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च) जैसे राष्ट्रीय संस्थानों और एमबीबीएस की साझा काउंसलिंग के लिए नीट लागू होगा। इससे देश के चिकित्सा शिक्षा क्षेत्र में सामान्य मानक स्थापित करने में सहायता मिलेगी। हाल के वक्त में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के तहत काम करने वाले एम्स और जिपमर खुद की दाखिला परीक्षा आयोजित करते हैं।
हर्षवर्धन ने कहा, एनएमसी एक्ट के अनुसार, एनईएक्सटी (नेक्स्ट) के नतीजे पोस्ट ग्रेजुएशन कोर्सों में दाखिले और प्रैक्टिस के लिए लाइसेंस प्राप्त करने का आधार होगा। यह विदेशी मेडिकल ग्रेजुएट के लिए स्क्रीनिंग टेस्ट का भी काम करेगा। नेक्स्ट पास करने के बाद छात्र पीजी कोर्स में खुद को रजिस्टर करा सकता है और प्रैक्टिस के लिए लाइसेंस प्राप्त कर सकता है। एक्ट में पीजी में दाखिले को रैंक सुधारने के लिए नेक्स्ट में प्रयासों की संख्या पर कोई पाबंदी नहीं है। बता दें कि देश में प्रतिवर्ष लाखों बच्चे मेडिकल कोर्स में दाखिले के लिए परीक्षा में बैठते हैं।
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