ईटानगर: अरुणाचल प्रदेश के एक सुदूर गांव के 16 चरवाहे मई में कोरोना टीकाकरण शिविर में नहीं पहुंच सके. तक़रीबन दो माह बाद, स्वास्थ्य अधिकारियों ने लुगथांग गांव में उन्हें वैक्सीन लगाने के लिए सोमवार को समुद्र तल से 14,000 फीट से अधिक ऊंचाई तक पहुंचने के लिए नौ घंटे से अधिक वक़्त तक ट्रैकिंग की.
Reaching the unreached - Bringing #CovidVaccines to remote communities.
— Pema Khandu པདྨ་མཁའ་འགྲོ་། (@PemaKhanduBJP) July 13, 2021
Covid Frontline Warriors trek for hours in this absolutely breathtaking sceneries to vaccinate small community of Yak herders who live in high mountainous areas of #Tawang district in Arunachal Pradesh. pic.twitter.com/1ManMEPh4D
प्रदेश के ट्वांग जिले के डोमस्टांग में 19 मई को आयोजित टीकाकरण शिविर में चरवाहे नहीं पहुंच सके थे. इसके बाद स्वास्थ्य अधिकारियों ने खुद वहां पहुंचने का निर्णय लिया. टीम ने अपने गंतव्य तक पहुंचने के लिए थिंगबू हाइडल नामक जगह पर निकटतम मोटर योग्य सड़क से ट्रैकिंग की. मौके पर पहुंचने के बाद स्वास्थ्य अधिकारियों ने अगली सुबह गाँव वालों के साथ एक छोटी बैठक की, जिला प्रजनन एवं बाल स्वास्थ्य अधिकारी रिनचिन नीमा द्वारा 16 चरवाहों को वैक्सीन लगाई गई. वरिष्ठ पशु चिकित्सा अधिकारी थुतन ताशी ने पशुओं के लिए अतिसार, कृमिनाशक और अन्य बीमारियों के लिए भी निःशुल्क दवाएं दीं.
बता दें कि लुगुथांग तिब्बत के साथ सीमा के नजदीक है और ट्वांग से हवाई रूप से 30 किमी दूर है. गांव के 65 लोगों समेत सभी 10 परिवार याक चराने वाले हैं. अरुणाचल के अफसरों ने 16 चरवाहों को वैक्सीन लगाने के लिए 9 घंटे से 14,000 फीट की दूरी तय की, पेमा खांडू ने दूरदराज के समुदायों तक टीका पहुंचाने के लिए फ्रंटलाइन वर्कर्स की तारीफ की. लगातार बारिश ने यात्रा में बाधा डाली, किन्तु उपायुक्त सांग फुंटसोक ने 16 छोड़े गए चराई के साथ तारीख रखने के लिए दृढ़ संकल्प किया.
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