सिरदर्द से लेकर दांत दर्द तक से राहत देता है कंटकारी, जानिए कैसे करना है इस्तेमाल

सिरदर्द से लेकर दांत दर्द तक से राहत देता है कंटकारी, जानिए कैसे करना है इस्तेमाल
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प्रकृति के खजाने में आपको कई अनमोल चीजें मिल सकती है जो आपकी सेहत के लिए बेहतरीन हो सकती है। इसी लिस्ट में शामिल है रत्न कंटकारी का पौधा (Kantakari), जो कई बीमारियों से बचाने में सक्षम है। जी हाँ और यह बिना किसी खाद, पानी और जहां-तहां अपने आप उग जाता है। आप सभी को बता दें कि गर्मी-सर्दी के प्रकोप से यह पौधा बेअसर रहता है। जी हाँ और यह बहुत ही उपयोगी जड़ी बूटी है। वैसे दुनियाभर में इसे कई नामों धावनी, क्षुद्रा, रेंगनी, कटाली, कटेरी, भटकटैया, पुट्टाचुंट, येलोबेरीड नाइट शेड और कटेली आदि से जाना जाता है।

आपको शायद ही पता होगा कि इसके पत्ते हरे, फूल नीले-बैंगनी या सफेद-पीले रंग के होते हैं। इसके पत्ते कांटों से लदे होते हैं। जी हाँ और गर्म तासीर वाली कंटकारी खांसी के इलाज में बहुत लाभकारी है। आपको बता दें कि गर्म प्रभाव के कारण ही यह कफ और वात रोगों को शमन करने में सक्षम है। जी हाँ और यह पाचनशक्ति को प्रबल कर सांस रोगों में भी बहुत लाभकारी है। केवल यही नहीं बल्कि इसका सेवन पित्त संबंधी विकारों को दूर करता है और इसमें प्रोटीन, पोटैशियम, कैल्शियम, मैग्नीशियम, फास्फोरस आदि पोषक तत्वों की मात्रा भी भरपूर पाई जाती है।

कैसे और कब कर सकते हैं सेवन- 

* आज के समय में सिर दर्द होना स्वाभाविक है। सिर दर्द होने पर इसके फल का रस निकाल कर माथे पर लेप लगाना फायदेमंद है।
* कहा जाता है इसके पत्तों के रस में शहद मिलाकर धीरे-धीरे सिर पर मलना चाहिए। जी दरअसल सफेद कंटकारी के फूल और शहद मिलाकर लगाना गंजेपन को दूर करता है।
* दांत दर्द से आराम के लिए इसके बीजों का धुआं दांतों पर लगाना या ताजे पत्तों को मसल कर निकाले रस को प्रभावित दांत पर लगाना चाहिए।
* इसके पत्ते, जड़, छाल और फलों का काढ़ा बना कर कुल्ला करने से भी दांत दर्द में आराम मिलता है।
* पुराने श्वांस रोग (अस्थमा) में इसके काढ़े में जरा-सी भुनी हींग और जरा-सा सेंधा नमक मिलाकर पीना लाभकारी है।
* मिर्गी के मरीज के दोनों नथनों में, ताजा कंटकारी के पत्तों का रस दो-दो बूंद डालने से दौरों में कमी आती है।
* असमय गर्भ गिरना, गर्भावस्था में उल्टी आना, भूख की कमी के लिए इसका जड़, पत्ते, छाल, फूल और टहनी सब को कूट पीस कर काढ़ा बनाते समय पांच सात मुनक्का डाल कर पिलाना फायदेमंद है।

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