क्या आप भी अपने खर्राटों से दुसरो की नीद परेशान करते है? अगर जवाब हाँ है तो इस खबर को पूरा जरूर पढ़े। ऐसा कहा जाता है खर्राटे अधिक थकान के कारण आते है। लेकिन ऐसा नहीं है। सांस में रुकावट आना खर्राटे आने की मुख्य वजह है। जब व्यक्ति सोता है तो उसके मुंह और नाक के अंदर से हवा ठीक तरह से नहीं निकल पाती। यही वजह है कि खर्राटे की स्थिति उत्पन्न होने लगती है। कुछ लोगों में नाक की हड्डी टेढ़ी होने से सांस लेने में परेशानी होने पर खर्राटे की समस्या होती हैं। और अगर आप भी इससे परेशान है तो इसका समाधान है उज्जायी प्राणायाम , आइये जानते है इसके बारे में। ........
उज्जायी प्राणायाम उज्जायी शब्द का अर्थ होता है- जीतने वाला। इस प्राणायाम को करने से वायु को जीता जाता है। यानि उज्जयी प्राणायाम से हम अपनी सांसों पर विजय पा सकते हैं। जब इस प्राणायाम को किया जाता है तो शरीर में गर्म वायु प्रवेश करती है और दूषित वायु निकलती है। योग में उज्जायी क्रिया और प्राणायाम के माध्यम से बहुत से गंभीर बीमारियों से बचा जा सकता है।
उज्जायी प्राणायाम के फायदे :उज्जायी प्राणायम करने से खर्राटे की समस्या दूर होने के साथ-साथ यह थायरॉयड रोगियों के लिए बहुत फायदेमंद होती है। इसे करने से गर्दन में मौजूद पैराथाइरॉयड ग्लैंड भी दूरुस्त रहता है। यह गले से बलगम को हटाता है और फेफड़े की बीमारियों को भी दूर करता है। इसके अलावा यह साइनस में भी बहुत फायदेमंद होता है और कुछ महिलाओं को साइनस की समस्या के कारण खर्राटे आते हैं।
इस प्राणायाम को करने का तरीका : इस प्राणयाम को करने के लिए सुखासन में बैठ जाए। फिर को मुंह को बंद करके नाक के दोनों छिद्रों से तब तक सांस को अंदर खींचे, जब तक फेफड़ों से हवा पूरी तरह बाहर न जाएं। फिर कुछ देर सांस अंदर तक रोक कर रखें। इसके बाद नाक के दूसरे छिद्र से धीरे-धीरे सांस बाहर निकालें। यह योगासन एक से दो मिनट तक कर सकते हैं। वायु को अंदर खींचते व बाहर छोड़ते वक्त गले से खर्राटे की आवाज निकलनी चाहिए। युरुआत में इस प्राणायाम 5 बार करें फिर धीरे-धीरे बढ़ाते हुए 20 बार तक ले जाएं।
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