चंडीगढ़: देश के ज्यादातर राज्यों में गेहूं की कटाई करीब-करीब पूरी हो चुकी है. इन प्रदेशों की खरीद मंडियों में गेहूं की बिक्री होने लगी है. कई मंडियों से अव्यवस्थाओं की तस्वीरें भी निरंतर सामने आ रही हैं. ऐसी ही एक तस्वीर गोहाना के अंतर्गत आने वाले गांव कथुरा से भी सामने आई है. यहां के किसान श्मशान घाट पर गेहूं डालने के लिए विवश हैं.
रिपोर्ट के अनुसार, सोनीपत के गोहाना के गांव कथुरा में किसान अनाज मंडियों में जगह न होने के कारण सड़क से लेकर श्मशान घाट तक गेहूं डालने के लिए विवश हैं. तालाब किनारे भी गेहूं के ढेर लगे हुए हैं. किसान पहले ही मौसम और ओलावृष्टि की मार झेल चुके हैं. अब खरीद केंद्रों के बाहर उठान का सही प्रबंध नहीं होने के कारण उनकी फसल बर्बाद हो रही है. इससे पहले कांग्रेस के पूर्व मंत्री आनंद सिंह दांगी के गांव मदीना की अनाज मंडी से भी ऐसी ही तस्वीर सामने आई थी. वहां भी गेहूं के ढेर के कारण सड़क वन-वे बन गई थी. इन सबके अलावा किसान मुर्दों के राखों के ढेर के बीच गेहूं डालने को मजबूर हैं. इससे उनकी उपज की गुणवत्ता पर भी फर्क पड़ रहा है.
किसानों का कहना है कि, मजबूरी उनसे क्या न कराए. सरकार ने अपने वादे पूरे नहीं किए. किसान कहते हैं कि, अब हम अपनी फसल यहीं नीचे डालने के लिए मजबूर हैं. गेहूं खरीदने वाले आढ़तिओं के अनुसार, सरकार ने गेहूं खरीद से पहले जो दावे किए थे, वह कहीं दिखाई नहीं दे रहे हैं. मजबूरन किसानों को सड़क और श्मशान घाट पर गेहूं की फसल रखनी पड़ रही है.
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