नई दिल्ली: सर्वोच्च न्यायालय में गुरुवार को दिल्ली-NCR के वायु प्रदूषण के मुद्दे पर सुनवाई हुई है. सुनवाई के दौरान एयर क्वालिटी मैनेजमेंट कमीशन (AQMC) ने शीर्ष अदालत को जानकारी देते हुए बताया है कि स्कूल फिर से खोलने और निर्माण गतिविधियों पर लगे प्रतिबन्ध को हटाने पर कल तक फैसला लिया जाएगा.
इस पर मुख्य न्यायाधीश (CJI) एन वी रमना ने कहा कि आज की वायु गुणवत्ता काफी खराब है. इस पर सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट से कहा कि पहले के मुकाबले इसमें सुधार हुआ है. शीर्ष अदालत ने वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग को प्रदूषण की समस्या से निपटने के स्थायी निराकरण के लिए निर्देश दिया कि वह एक विशेषज्ञों का ग्रुप बनाए, जो लोगों और एक्सपर्ट्स से प्राप्त सुझाव पर गौर करें ताकि प्रदूषण की समस्या का स्थायी समाधान हो सके.
सर्वोच्च न्यायालय में मामले की अगली सुनवाई फरवरी के पहले सप्ताह में होगी. शीर्ष अदालत ने आयोग द्वारा उठाए गए कदमों पर संतुष्टि जताई है. सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि दूध डेयरी और मेडिकल की फैक्टरी को खोलने की अनुमति दी गई है, जीवन रक्षक यूनिट को मेन्युफेक्चरिंग की अनुमति भी दे दी गई है. SG तुषार मेहता ने आगे कहा कि बिजली मंत्रालय के साथ चर्चा के मुताबिक, थर्मल पावर प्लांट जो बंद हैं, वह बंद ही रहेंगे. अस्पतालों के निर्माण की अनुमति दी गई है, बाकी सभी निर्माण कार्यों पर रोक जारी रहेगी.
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