कोच्ची: डॉ जयकुमार हार्ट सर्जन होने के नाते जितना अपने पेशेंट्स के दिल का ध्यान रखते हैं, उतना ही ध्यान अपने शेड की गायों की सेवा में रहता है. डॉ जयकुमार का कहना है कि रोज़ सर्जरी या अन्य प्रोफेशनल ड्यूटी करने के बाद उन्हें जो थकान होती है, वो गायों के बीच आते ही दूर हो जाती है. डॉ जयकुमार जब अपने डेरी फार्म में गायों के बीच पहुँचते हैं, तो वो खुद का सर्जन होना भूल किसान के किरदार में आ जाते हैं.
डॉ जयकुमार का नाम केरल के मशहूर कार्डियोलॉजिस्ट्स में गिने जाते हैं. वे कोट्टायम मेडिकल कॉलेज के सुपरिटेंडेंट हैं. कोट्टायम मेडिकल कॉलेज का नाम पूरे विश्व में प्रसिद्ध हुआ, जब इस डॉक्टर ने 7 सफल हार्ट ट्रांसप्लान्टेशन सर्जरी कीं. जहां तक डॉ जयकुमार के परिवार का सवाल है, तो उनके परिवार में पत्नी और बेटी हैं. डॉ जयकुमार की वाइफ डॉ लक्ष्मी कोट्टायम के सरकारी मेडिकल कॉलेज के प्लास्टिक सर्जरी डिपार्टमेंट में प्रोफेसर हैं. डॉ जयकुमार की पुत्री चिन्मई को भी फॉर्म में गायों के बीच समय बिताना बहुत अच्छा लगता है. गायों के बारे में बताते हुए डॉ जयकुमार के चेहरे पर रौनक आ जाती है. उनके फार्म की गायों का दूध थूथूट्टी कोऑपरेटिव सोसाइटी को बेचा जाता है. फार्म में गायों की देखरेख के लिए केयरटेकर तैनात किया गया है. इसके साथ ही शेड की सुरक्षा के लिए वहां दो कुत्ते भी हर समय मुस्तैद रहते हैं.
गायों से प्रेम के बारे में डॉ जयकुमार का कहना है कि ये उन्हें किदानगुर में स्थित पैतृक घर से विरासत में मिला है. बचपन की यादों को साझा करते हुए डॉ जयकुमार कहते हैं कि उनकी मां जो गाय का दूध उन्हें पीने को देती थीं, उसका स्वाद वे कभी नहीं भूले. उसी ने डॉ जयकुमार को प्रेरित किया. उन्होंने जो पहली गाय खरीदी उसका नाम उन्होंने भवानी रखा. आज शेड में भवानी के साथ और भी ढेर सारी गाय मौजूद हैं.
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