नई दिल्ली: भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने बंगाल की खाड़ी में सक्रिय चक्रवाती तूफान 'फेंगल' के कारण तमिलनाडु और आसपास के प्रदेशों के लिए रेड अलर्ट जारी किया है। यह चक्रवात आज दोपहर पुडुचेरी के पास तट से टकराने की संभावना है। चक्रवात के प्रभाव से तटीय इलाकों में तेज बारिश, समुद्र में ऊंची लहरें तथा 90 किलोमीटर प्रति घंटा तक की रफ्तार से हवाएं चलने की आशंका है। IMD ने इस स्थिति को बेहद गंभीर बताते हुए अफसरों को सतर्क रहने और राहत एवं बचाव कार्यों के लिए तैयार रहने का निर्देश दिया है।
IMD के अनुसार, चक्रवात 'फेंगल' के कारण तमिलनाडु, दक्षिण आंध्र प्रदेश, केरल और आंतरिक कर्नाटक में भारी से अत्यधिक भारी बारिश होने की संभावना है। चेन्नई के क्षेत्रीय मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक डॉ. एस. बालाचंद्रन ने कहा कि इस चक्रवात का सबसे अधिक प्रभाव पुडुचेरी के पास कराईकल एवं महाबलीपुरम के बीच के तटीय जिलों पर पड़ेगा। उन्होंने चेतावनी दी कि दोपहर 1 से 2 बजे के बीच तेज हवाओं के साथ भारी बारिश हो सकती है। हवा की गति 60 से 90 किलोमीटर प्रति घंटा के बीच होने का अनुमान है, जो न सिर्फ जनजीवन बल्कि कृषि और बुनियादी ढांचे को भी प्रभावित कर सकती है। तटीय इलाकों के साथ-साथ कुछ आंतरिक क्षेत्रों में भी जलभराव की संभावना है।
पुडुचेरी और कांचीपुरम समेत तमिलनाडु के कई जिलों में आज सभी स्कूल और कॉलेज बंद हैं। वहीं, मत्स्य पालन विभाग ने मछुआरों के लिए एडवाइजरी जारी की है, जिसमें समुद्र में नहीं जाने और अपनी नौकाओं व उपकरणों को सुरक्षित स्थान पर ले जाने की सलाह दी गई है। चक्रवात 'फेंगल' से निपटने के लिए NDRF और SDRF की टीमें तैयार हैं। अब तक 164 परिवारों के 471 लोगों को तिरुवरूर और नागपट्टिनम जिलों के छह राहत केंद्रों में पहुंचाया गया है। राजस्व और आपदा प्रबंधन विभाग ने लोगों की मदद के लिए हेल्पलाइन नंबर 112 और 1077 जारी किए हैं। व्हाट्सएप नंबर 9488981070 के जरिए भी सहायता ली जा सकती है।
मौसम विभाग ने तटीय इलाकों में जलभराव की संभावना जताई है और लोगों से घर के अंदर रहने की अपील की है। निचले और तटीय क्षेत्रों के निवासियों को सतर्क रहने और सुरक्षा निर्देशों का पालन करने को कहा गया है।
चक्रवात का नाम 'फेंगल' और उसका अर्थ
'फेंगल' नाम अरबी भाषा का है, जिसका अर्थ 'उदासीन' होता है। यह नाम सऊदी अरब ने विश्व मौसम विज्ञान संगठन (WMO) और एशिया-प्रशांत के लिए संयुक्त राष्ट्र आर्थिक और सामाजिक आयोग (UNESCAP) के नियमों के तहत प्रस्तावित किया था।
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