नई दिल्लीः देश के कई हिस्से इस समय भारी बारिश से परेशानी में घिरे हैं। कहीं बाढ़ तो कहीं भूस्खलन की घटनाएं सामने आ रही है। दक्षिण में केरल और कर्नाटक भारी बारिश के कारण भीषण बाढ़ के चपेट में हैं। अब बाढ़ का साया उत्तर भारत के राज्यों पर मंडराने लगा है। हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में बीते सप्ताह भारी बारिश से मची तबाही में 36 लोग मारे गए हैं और सैंकड़ों फंसे हुए हैं। उत्तर भारत के अन्य राज्य हरियाणा, पंजाब, जम्मू और दिल्ली में भी अब बाढ़ के हालात बन गए हैं।
सोमवार को हिमाचल में मरने वालों की संख्या बढ़कर 25 हो गई तो उत्तरकाशी में बादल फटने से बहे लोगों में से 11 के शव ही बरामद हो पाए। यहां सात लोग अब भी लापता हैं। इन दोनों राज्यों में लोगों की दुश्वारियां कम नहीं होने का नाम नहीं ले रही हैं। हिमाचल में चार नेशनल हाईवे समेत 1088 सड़कों पर यातायात ठप रहा और 500 से ज्यादा लोग फंसे रहे। लाहौल-स्पीति के नीलकंठ में दो फीट ताजा बर्फबारी हुई और बारिश के चलते हवाई उड़ानें भी बाधित रहीं। प्रदेश में अतिवृष्टि से अब तक करीब 574 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।
मौसम विज्ञान राज्यभर में 25 अगस्त तक मौसम खराब रहने की आशंका जताई है। हरिद्वार और दिल्ली में नदियों का जल स्तर खतरे के निशान को पार कर गया है जबकि भाखड़ा बांध में जलस्तर तय सीमा से एक फुट ऊपर निकल गया है। कोटा बैराज से चंबल में पानी छोड़ने की वजह से उत्तर प्रदेश के इटावा में 16 साल का लड़का डूब गया। पंजाब और हरियाणा के इलाकों में स्थिति गंभीर बनी हुई है।
पंजाब सरकार ने बाढ़ की मौजूदा स्थिति को राज्य की प्राकृतिक आपदा घोषित किया है। पंजाब के सीएम अमरिंदर सिंह ने प्रभावित क्षेत्रों में तात्कालिक राहत और पुनर्वास के लिए 100 करेाड़ रुपये देने का ऐलान किया है। पारंपरिक लिपुलेख मार्ग से जाने वाली कैलाश मानसरोवर यात्रा रास्ते में भूस्खलन की वजह से रोकनी पड़ी है। विभिन्न राज्य सरकारें बचाव एवं राहत कार्य में जूटी हुई हैं।
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