शिमला: हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब जैसे कई प्रदेशों में भारी बारिश ने हाहाकार मचा दिया हैं। सोशल मीडिया में कई वीडियो वायरल हैं जिनमें खौफनाक मंजर नजर आ रहा है। लेकिन इस जल प्रलय के बीच भी हिमाचल प्रदेश के मंडी का 300 वर्ष पुराना शिव मंदिर खड़ा है। इस मंदिर ने लोगों को 2013 के केदारनाथ आपदा की याद दिला दी है जब इस प्रकार जल सैलाब के बीच भी मंदिर सुरक्षित रहा था।
बाढ़ से उत्पन्न हुई स्थितियों की जानकारी हिमाचल के सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने पीएम नरेंद्र मोदी को दी है। मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा 11 जुलाई 2023 (मंगलवार) को दी गई जानकारी के अनुसार, अब तक प्रदेश को कुल 4000 करोड़ का नुकसान हुआ है। भूस्खलन और बाढ़ से 20 व्यक्तियों की मौत हो चुकी है। आगामी 10 दिनों तक सभी प्रशासनिक अफसरों को अलर्ट रहने के निर्देश जारी किए गए हैं। राहत और बचाव कार्यो के लिए कई स्थानों पर हेलीकॉप्टर की सहायता ली जा रही है। कुल्लू समेत लाहौल स्पीति और चन्द्रतल क्षेत्र में तकरीबन 229 पर्यटकों के फँसे होने की खबर है, जिन्हें सुरक्षित बाहर निकालने के प्रयास किए जा रहे हैं।
हिमाचल प्रदेश का 300 साल पुराना शिव मंदिर जिसने दिलाई केदारनाथ की याद।#HimachalPradesh #HimachalFloods #FloodWarning #Heavyrainfall #MahadevTemple #Kedarnath pic.twitter.com/1MsVGtaM8v
— Manchh (@Manchh_Official) July 11, 2023
मुख्यमंत्री कार्यालय के अनुसार, इस वर्षा ने बीते 50 सालों के रिकॉर्ड को तोड़ दिया है। सीएम ने केंद्र सरकार से हिमाचल की बाढ़ को राष्ट्रीय आपदा घोषित करे की माँग की है। बाढ़ से परवाणू, रोहड़ू, ठियोग, रामपुर, छैला और कुमारहट्टी आदि क्षेत्रों में सड़कों को नुकसान पहुँचा है, जिन्हें खोलने के प्रयास किए जा रहे हैं। जल प्रलय से नुकसान एवं मौतों के बीच मंडी का ऐतिहासिक पंचवक्त्र मंदिर ख़बरों में है। यह मंदिर ब्यास नदी और सुकेती खड्ड के किनारे बना हुआ है। उफनती नदियों ने पुल, पहाड़ एवं बड़े-बड़े मकानों को धाराशायी कर दिया है। मगर इस मंदिर को कोई नुकसान नहीं हुआ है। यह मंदिर 300 वर्षों से ज्यादा पुराना है। राजा सिद्ध सेन ने इसका निर्माण करवाया था। पंचमुखी शिव की प्रतिमा की वजह से इस मंदिर का नाम पंचवक्त्र है। इस मंदिर की बहुत मान्यता है।
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