महाकुम्भ जा रही ट्रेन पर जोरदार पथराव..! श्रद्धालुओं में मची चीख पुकार, आखिर हमलावर कौन..?

महाकुम्भ जा रही ट्रेन पर जोरदार पथराव..! श्रद्धालुओं में मची चीख पुकार, आखिर हमलावर कौन..?
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प्रयागराज: संगमनगरी प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ, जो विश्व का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन माना जाता है, में जहां 28 जनवरी 2025 तक 15 करोड़ से अधिक श्रद्धालु माँ गंगा में पवित्र स्नान कर चुके हैं और कुल 40 करोड़ लोगों के आने की संभावना है, वहीं इस आस्था के उत्सव को कलंकित करने की कोशिशें भी जारी हैं। एक चौंकाने वाली घटना में, झांसी से प्रयागराज जा रही विशेष ट्रेन नंबर 11801 पर हरपालपुर स्टेशन के पास उपद्रवियों ने हमला कर दिया। इस पथराव ने न केवल श्रद्धालुओं की सुरक्षा को खतरे में डाला बल्कि सनातन धर्म के प्रति नफरत की एक और परत उजागर कर दी।  

सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो में उपद्रवियों को ट्रेन पर पत्थर बरसाते और खिड़कियां तोड़ते देखा जा सकता है। इस घटना के दौरान ट्रेन में सवार महिलाओं और बच्चों समेत यात्रियों में भय और चीख-पुकार का माहौल बन गया। एक यात्री ने घटना का ब्योरा देते हुए कहा कि ट्रेन रात 8 बजे झांसी से रवाना हुई थी और हरपालपुर स्टेशन पहुंचते ही उपद्रवियों ने हमला कर दिया। यात्री ने बताया कि, "उन्होंने ट्रेन को नुकसान पहुंचाया, पत्थर फेंके, और यात्रियों को चोट पहुंचाने की कोशिश की।"  

ऐसा बताया जा रहा है कि स्टेशन पर मौजूद भीड़ ट्रेन में चढ़ने की कोशिश कर रही थी, लेकिन जब दरवाजे बंद मिले, तो वे भड़क गए और पथराव शुरू कर दिया। हालांकि, इस बात पर भी सवाल उठता है कि क्या यह सच में गुस्साई भीड़ थी, या फिर इस घटना के पीछे कोई सुनियोजित साजिश थी?  घटना की जानकारी मिलने पर पुलिस ने तुरंत जांच शुरू कर दी है। वीडियो और सीसीटीवी फुटेज के आधार पर उपद्रवियों की पहचान की जा रही है। हालांकि, रेलवे की तरफ से अब तक कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है।  

यह घटना महाकुंभ जैसे विशाल और पवित्र आयोजन के दौरान सुरक्षा प्रबंधों पर गंभीर सवाल खड़े करती है। प्रयागराज में लाखों की संख्या में श्रद्धालु गंगा स्नान और धार्मिक अनुष्ठानों में हिस्सा ले रहे हैं। यूपी सरकार ने महाकुंभ के लिए सुरक्षा के विशेष इंतजाम किए हैं, लेकिन यह हमला बताता है कि रेलवे और अन्य क्षेत्रों में सुरक्षा चाक-चौबंद नहीं है।  

महाकुंभ में जहाँ एक ओर आस्था का सैलाब उमड़ रहा है, वहीं दूसरी ओर ऐसे हमलों के पीछे की मंशा पर विचार करना जरूरी है। हर साल लाखों श्रद्धालु इस पवित्र आयोजन का हिस्सा बनने के लिए आते हैं। ऐसे में यह सवाल उठता है कि आखिर ट्रेन पर पत्थर फेंकने वाले ये लोग कौन हैं?  यह स्पष्ट है कि ये लोग उन 40 करोड़ श्रद्धालुओं में से नहीं हो सकते, जो खुद महाकुंभ में शामिल होने वाले हैं। न ही ये वे लोग हो सकते हैं, जिनकी आस्था प्रयागराज में है लेकिन किसी कारणवश वे वहां नहीं पहुंच पा रहे। तो फिर यह किसका काम है?  

संकेत यही देते हैं कि यह हरकत उन लोगों की हो सकती है जो तीर्थराज प्रयाग, माँ गंगा, और सनातन धर्म की आस्था से चिढ़ते हैं। जो इस महाआयोजन की सफलता पर सवाल खड़े करना चाहते हैं, और इसके अनुशासन को बाधित करने का प्रयास कर रहे हैं। वरना, ऐसा कोई व्यक्ति जो इस आयोजन को महत्व देता है, महाकुंभ जा रही ट्रेन पर हमला क्यों करेगा?  

महाकुंभ केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं है, बल्कि यह भारत की सनातन संस्कृति और परंपरा का प्रतीक है। इसमें देश के हर कोने से लोग आकर माँ गंगा में स्नान करते हैं और अपनी आस्था को प्रकट करते हैं। ऐसी घटनाएं इस भव्य आयोजन की पवित्रता को कमजोर नहीं कर सकतीं, बल्कि इसे और मजबूत करती हैं। सरकार और रेलवे को चाहिए कि इस घटना की गंभीरता से जांच करे और दोषियों को सख्त सजा दे। महाकुंभ जैसे आयोजनों को न केवल श्रद्धालुओं के लिए सुरक्षित बनाया जाना चाहिए, बल्कि यह सुनिश्चित करना भी आवश्यक है कि ऐसे हमले सनातन आस्था को कमजोर करने का साधन न बनें।

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