आप चाहे कितनी भी समझदार मां क्यों ना हो, लेकिन बच्चों को गोद में उठाने के मामले में आप अकसर कुछ ना कुछ गलतियों तो जरूर करती होंगी. इसका सबसे ज्यादा असर आपकी रीढ की हड्डी पर पडता है और कमर दर्द हो जाता है. शोधकर्ताओं के द्वारा पता चला है कि कमर दर्द के मरीजों में हर साल लगभग एक करोड मदर्स शामिल होती है. पहले गर्भावस्था, फिर बच्चें को गोद में लेकर चलना और साथ में घर का काम करने से आपको कमर दर्द की समस्या होने की आशंका बढ जाती है. इसका मतलब यह बिल्कुल नहीं है कि आप अपने प्यार-दुलार और जिम्मेदारियों से मुंह मोड लें,
लेकिन कुछ बातों का ख्याल रखना बेहद जरूरी है.
1-हमेशा इस बात का ध्यान रखें कि बच्चे को गोद में उठाने के लिए ज्यादा झुकने की वजह से भी आपकी कमर में तकलीफ हो सकती है, इसलिए बेहतर होगा कि आप बच्चे को झुककर उठाने की बजाय खडा होना जानता है, तो उसे खडे होकर उठाएं.
2-एक या डेढ इंच की ऊंची एडी वाली सैंडल ठीक है, लेकिन इससे जयादा ऊंची एडी की कई मांसपेशियों को छोटा कर सकती हैं. इससे कमर के निचले हिस्से पर खिचांव पडता है.
3-बच्चों को हिप्स पर उठाना काफी आरामदायक लगता है, लेकिन लम्बे समय तक ऐसा करने से आप की बॉडी का आकार बिगड सकता है. इतना ही नहीं, इससे आपकी रीढ को सहारा देने वाली मांसपेशियों पर भी जोर पडता है और वे कमजोर हो जाती हैं. इसलिए बेहतर होगा कि आप बच्चे को छाती से चिपकाकर उठाएं और उसकी दोनों टांगें शरीर की दोनों साइड में कर लें.