भूकंप एक ऐसी प्राकृतिक आपदा है जिसकी वजह से जन हानि के साथ साथ बहुत सारा नुकसान हो जाता है. वही भूकम्प का पूर्वानुमान नही लगने की वजह से यह एक भयानक विनाश लेकर आता है. किन्तु हाल में एक शोध में यह पता चला है कि भूकंप का पूर्वानुमान लगाया जा सकता है. शोधार्थियों ने पृथ्वी की अंदरूनी चट्टानी सतहों में तनाव और हीलियम गैस के स्तर के बीच संबंध खोजते हुए दावा किया है कि भूजल में हीलियम के स्तर से भूकंप के संभावित खतरे का संकेत मिल सकता है.
भूकम्प से जुड़े पूर्वानुमान के बारे में शोध करते हुए टोक्यो विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने बताया है कि यह खोज एेसी निगरानी प्रणाली के विकास में सहायक होगी जो बड़े भूकंप आने से पहले तनाव में होने वाले बदलावों का पता लगा सकती है. वही शोध के प्रमुख लेखक यूजी सानो ने इसके बारे में अहम तथ्य सामने रखे.
शोधकर्ताओं ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया है कि अप्रैल 2016 में आए भूकंप के 11 दिन बाद इसके केंद्र के आसपास ‘फाल्ट जोन’ में सात जगहों पर 280 मीटर से लेकर 1,300 मीटर की गहराई से भूजल के नमूने लेने की खातिर एक सबमर्सिबल पंप का उपयोग किया. वही इन नमूनों के रसायनिक विश्लेषणों के माध्यम से हीलियम 4 के स्तर में परिवर्तन की तुलना वर्ष 2010 में किए गए विश्लेषणों से की गयी जिसमे पता चला कि हीलियम 4 का स्तर उन नमूनों में अधिक था जो हमने भूकंप के केंद्र के आसपास से एकत्र किए थे. यह भूकंप की वजह से चट्टानों में से गैस निकलने कि वजह से हुआ है. इन तथ्यों के आधार पर भूकंप के खतरे का पूर्वानुमान लगाया जा सकता है.