यौन-शोषण के जिस मामले के बाद बनी हेमा-कमिटी, जानिए उसके आरोपी को SC ने क्यों-दी-जमानत?

यौन-शोषण के जिस मामले के बाद बनी हेमा-कमिटी, जानिए उसके आरोपी को SC ने क्यों-दी-जमानत?
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2017 में मलयालम फिल्मों की एक अभिनेत्री का अपहरण कर यौन शोषण किया गया। इस घटना के पश्चात् जस्टिस हेमा कमेटी का गठन हुआ, जिसकी रिपोर्ट (जस्टिस हेमा कमेटी रिपोर्ट) वर्तमान में चर्चा का विषय बनी हुई है। अब सर्वोच्च न्यायालय ने इस मामले के मुख्य आरोपी, अभिनेता सुनील एनएस (जो पल्सर सुनी के नाम से भी जाना जाता है), को जमानत दे दी है। सुनील एनएस को फरवरी 2017 में गिरफ्तार किया गया था तथा वह तब से जेल में बंद था। सर्वोच्च न्यायालय ने 17 सितंबर 2024 को उसे एक सप्ताह के भीतर निचली अदालत में पेश कर जमानत पर रिहा करने के निर्देश दिए।

अभिनेत्री के यौन शोषण का मामला
पीड़िता, जो तमिल, कन्नड़ एवं मलयालम फिल्मों में काम कर चुकी है, को 17 फरवरी 2017 की रात कुछ लोगों ने अगवा कर लिया था। कथित तौर पर, अपहरण के पश्चात् कार में उसके साथ लगभग 2 घंटे तक छेड़छाड़ की गई, तथा इस घटना का वीडियो ब्लैकमेल करने के उद्देश्य से रिकॉर्ड किया गया। इस मामले में 10 लोगों को आरोपी बनाया गया, जिनमें अभिनेता दिलीप भी सम्मिलित हैं। दिलीप को लगभग 6 महीने जेल में बिताने के बाद जमानत मिल गई थी। आरोप है कि यह यौन शोषण की घटना दिलीप के इशारे पर हुई थी। सुनील एनएस को इस मामले में मुख्य आरोपी बनाया गया था और घटना के तुरंत बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया था। तब से वह जेल में था।

पल्सर सुनी को जमानत क्यों मिली
सुनील एनएस की जमानत याचिका पर सुनवाई जस्टिस अभय एस ओका एवं पंकज मित्तल की पीठ ने की। पीठ ने कहा कि सुनील एनएस लंबे वक़्त से जेल में हैं तथा ट्रायल जल्द पूरा होने की संभावना नहीं है। चूंकि सह-आरोपी दिलीप को पहले ही जमानत मिल चुकी है, इसलिए सुनील एनएस को भी जमानत पर रिहा किया जा सकता है। सुप्रीम कोर्ट ने उसे निचली अदालत में पेश कर जमानत की शर्तें तय करने का निर्देश दिया है। हालांकि, सर्वोच्च न्यायालय ने वह जुर्माना माफ करने से इनकार कर दिया, जो लगातार जमानत याचिका दाखिल करने के कारण हाई कोर्ट ने सुनील एनएस पर लगाया था। केरल सरकार के वकील ने अभिनेता को "समाज के लिए खतरा" बताते हुए जमानत का विरोध किया था।

जमानत याचिका के कारण लगा जुर्माना
सुनील एनएस को एक दिन की अस्थायी जमानत अप्रैल 2022 में अपने पिता के अंतिम संस्कार में सम्मिलित होने के लिए मिली थी। उसने मार्च 2022 में पहली बार जमानत के लिए केरल उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी, किन्तु राहत नहीं मिली। जुलाई 2022 में उसने सर्वोच्च न्यायालय का रुख किया, लेकिन वहां भी जमानत नहीं मिली। दूसरी बार उसने मार्च 2023 में हाई कोर्ट में जमानत याचिका दाखिल की, जो खारिज हो गई। इसके बाद उसने अप्रैल 2023 में सर्वोच्च न्यायालय में इसे चुनौती दी। इसी साल 3 जून को उच्च न्यायालय ने उसकी दसवीं जमानत याचिका खारिज करते हुए उस पर 25 हजार का जुर्माना लगाया था।

हेमा कमेटी की रिपोर्ट के बाद जमानत
सुनील एनएस को जमानत जस्टिस हेमा कमेटी की रिपोर्ट सार्वजनिक होने के लगभग 1 महीने बाद मिली है। इस कमेटी का गठन 2017 में यौन शोषण की घटना के पश्चात् केरल सरकार ने किया था। इसमें रिटायर्ड जस्टिस हेमा, अभिनेत्री शारदा एवं रिटायर्ड IAS अफसर केबी वलसला कुमारी शामिल थीं। इस कमेटी का काम मलयालम फिल्म इंडस्ट्री में महिलाओं के यौन शोषण की जांच करना था। कमेटी ने दिसंबर 2019 में केरल सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंप दी थी, किन्तु इसे 18 अगस्त 2024 को सार्वजनिक किया गया। इस रिपोर्ट ने फिल्म इंडस्ट्री में यौन शोषण के मुद्दे को फिर से चर्चा में ला दिया, तथा कई पीड़ितों ने अपनी आपबीती सुनाई। मलयालम फिल्म इंडस्ट्री के कई बड़े नामों पर गंभीर आरोप लगे हैं।

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