बॉलीवुड की चर्चित फिल्म 'शोले', जो 1975 में रिलीज हुई, भारतीय सिनेमा की एक ऐतिहासिक और कल्ट मूवी मानी जाती है। इसका निर्देशन रमेश सिप्पी ने किया था, और इसकी पटकथा सलीम खान और जावेद अख्तर ने लिखी थी। इस फिल्म में कई मेमोरेबल किरदार थे, जिनमें से एक तांगे वाली बसंती का किरदार हेमा मालिनी ने निभाया था। आज भी इस फिल्म के संवाद और दृश्य दर्शकों के दिलों में बसे हुए हैं, और इसके किस्से अक्सर सुर्खियों में रहते हैं।
हेमा मालिनी, जो एक प्रख्यात अभिनेत्री और नृत्यांगना हैं, ने 'शोले' में अपने किरदार के लिए कुछ खास शर्तें रखीं। उन्होंने फिल्म में तांगे वाली बसंती की भूमिका निभाने के लिए एक अनोखी शर्त रखी थी। जब उन्होंने यह भूमिका स्वीकार की, तो यह स्पष्ट था कि उन्हें तांगा चलाना नहीं आता था। यह एक महत्वपूर्ण कौशल था, क्योंकि उनके किरदार की पहचान तांगे से थी। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, हेमा मालिनी ने डायरेक्टर रमेश सिप्पी से कहा कि वे उन्हें पहले तांगा चलाना सिखाएं। यह उनकी दृढ़ता और प्रतिबद्धता को दर्शाता है कि वे अपने किरदार को वास्तविकता के करीब लाना चाहती थीं। रमेश सिप्पी ने उनकी इस मांग को स्वीकार किया और उन्हें तांगा चलाने का तरीका सिखाने का निर्णय लिया।
सिखाई गई विधि के दौरान, रमेश सिप्पी ने खुद हेमा को तांगा चलाकर दिखाया। उन्होंने यह सुनिश्चित किया कि हेमा को तांगे की गति और संतुलन समझ में आ जाए। इस अभ्यास के बाद, हेमा मालिनी ने अपने किरदार को जीवंत रूप से निभाने में सफलता हासिल की। उनकी मेहनत और प्रतिबद्धता ने उन्हें 'शोले' की बसंती बनने में मदद की, और उन्होंने इस किरदार के माध्यम से दर्शकों का दिल जीत लिया। फिल्म 'शोले' के संवाद, जैसे "बसंती, इन कुत्तों के सामने मत झुकना!" आज भी लोगों की जुबान पर हैं। इस फिल्म की वजह से हेमा मालिनी को एक नयी पहचान मिली और उन्हें सिनेमा जगत में एक प्रमुख स्थान प्राप्त हुआ। 'शोले' ने न केवल भारतीय सिनेमा को एक नई दिशा दी, बल्कि इसे एक कल्ट फिल्म का दर्जा भी दिलाया।
'...तब लॉरेंस बिश्नोई सिर्फ 5 साल के थे', सलमान को निशाना-बनाने को लेकर बोले-राम गोपाल
'भाईजान की जान को खतरा है', वायरल हुआ सलमान खान के बॉडीगार्ड शेरा का VIDEO
फिर दूल्हा बना कपूर खानदान का बेटा, सामने आया दिल छू लेने वाला VIDEO