बॉलीवुड की ड्रीमगर्ल यानी एक्ट्रेस हेमा मालिनी इन दिनों फिल्मों से तो दूर है लेकिन फिर भी वो अपने सभी किरदारों के जरिए फैंस के दिलों में बसी हुई हैं. हेमा ने गुरुवार को इंफोकॉम 2018 के 'इन द स्पॉटलाइट' सेशन में लोगों को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि 'शोले' फिल्म में उनका निभाया किरदार 'बसंती' 43 साल बाद भी महिला सशक्तीकरण का प्रतीक बना हुआ है. हेमा ने इस इवेंट में बसंती के किरदार के बारे में बात करते हुए कहा कि, 'बसंती बॉलीवुड फिल्मों की पहली ऐसी महिला है जो तांगा चलाती है. आज की तारीख तक वह महिलाओं के सशक्तीकरण का प्रतीक बनी हुई है.'
सूत्रों की माने तो हेमा मालिनी ने आगे ये भी कहा कि, 'अब मैं जब भी प्रचार के लिए जाती हूं, तो मैं वहां मौजूद महिलाओं को बताती हूं कि उनका योगदान बसंती तांगेवाली से कम नहीं है. महिलाएं कठोर परिश्रम करती हैं और आदिवासी मेहनत करते हैं. उन्हें नमन है.' जब इस इवेंट में उनसे ये पूछा गया कि- क्या वह अपने 50 साल के लंबे फिल्मी करियर में किसी अन्य भूमिका से ज्यादा लोकप्रिय है? तो इसके जवाब में हेमा ने कहा कि, 'मेरे डांस शो में आने वाले लोग मेरे डांस नंबर्स देखते हैं लेकिन जब भी मैं प्रचार के लिए निकलती हूं तो लोग मुझे इसलिए देखने आते हैं क्योंकि मैं बॉलीवुड कलाकार हूं. मैंने कई फिल्मों में काम किया लेकिन लोगों को शोले ही याद है. ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि यह कैरेक्टर फेमस हो गया था.'
इसके साथ ही जब हेमा से पूछा गया कि- उन्होंने महान फिल्मकार सत्यजीत रे के साथ काम क्यों नहीं किया? तो जवाब में उन्होंने कहा, 'मुझे मौका ही नहीं मिला, अगर वह मुझे किसी रोल का प्रस्ताव देते तो मैं उसे स्वीकार कर लेती.'
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