आज के समय में कई लोग ऐसे हैं जिन्हे घूमने-फिरने का शौक होता है। ऐसे में आज के समय में लोग चांद पर अपना आशियाना बनाने की कोशिश में जुटे हैं। जी हाँ और इसके लिए कुछ लोगों ने तो चांद पर जमीन भी खरीदी है। हालाँकि अंतरिक्ष में जमीन खरीदना और बेचना गैरकानूनी है। आपको बता दें कि इसके लिए सन 1967 ई में एक कानून बनाया गया था, जिसमें चांद और तारे पर जमीन खरीदने और बेचने पर पूरी तरह से पाबंदी लगा दी गई। जी हाँ और इस समझौते पर भारत समेत 104 देशों ने हस्ताक्षर कर सहमति जताई थी। आप सभी को बता दें कि वर्तमान समय में चांद पर आशियाना बसाना बेहद मुश्किल है।
आज के समय में लोग चांद की जमीन केवल अपने नाम कराते हैं, हालांकि, चांद पर सैर करने की चाहत रखने वाले लोगों को निराश होने की जरूरत नहीं है, क्योंकि भारत में एक ऐसी जगह है। जी हाँ और यहाँ आप चांद की सैर कर सकते हैं। जी दरअसल इस जगह को मूनलैंड के नाम से पूरी दुनिया जानती है। ऐसे में अगर आप भी घूमने के शौकीन हैं और चांद की सैर करना चाहते हैं, तो आप मूनलैंड जा सकते हैं। तो आइए जानते हैं मूनलैंड के बारे में विस्तार से।
मूनलैंड कहां है- यह जगह भारत के कशमीर में स्थित है और यह लेह से महज 127 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। जी हाँ और इस जगह का नाम लामायुरू गांव है। दुनियाभर से लोग लामायुरू गांव घूमने आते हैं। सबसे खासकर मूनलैंड के दीदार के लिए जरूर आते हैं। जी हाँ और हिंदी में इसे चांद की जमीन कहा जाता है। यह गांव 3,510 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है।
क्या है खासियत- कहते हैं पहले इस जगह पर झील थी जो बाद में सुख गई। वहीं लामायुरू गांव में एक मठ भी है जो आकर्षण का केंद्र है। जबकि झील की पीली-सफेद मिट्टी बिल्कुल चांद की जमीन की तरह दिखती है। कहते हैं पूर्णिमा की रात को जब चांद की रोशनी इस पर पड़ती है, तो मिट्टी चांद जैसी चमकने और दिखने लगती है।
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