इस आधुनिक जमाने में जब फिल्मों के द्वारा पुराने जमाने को दौहराने का समय मिलता है तो काफी अच्छा लगता है। पुराने जमाने में कारों का भी अपना एक मजा था जो शायद अब बदल गया हैं क्योंकि अब मोटरकारे भी काफी बदल गयी है। मैकबैक एसडब्ल्यू 38 1937, होर्च 780 कैर्बियोलॉज, 1959, लिस्टर कॉस्टिन जैगुआर, 1933 जैगुआर एसएसआई कूपे, जैगुआर एक्सके 120, मर्सिडीज 630 मर्फी, रॉल्य रॉयस-सिल्वर घोस्ट ये वो नाम हैं जिनके बगैर कारों का इतिहास अधूरा है। अगर ये अब आपको सड़क पर दौड़ती दिख जाएं तो सच में वो यादें ताजा हो जाएंगी जो हमारे जेहन में फिल्मों के माध्यम से जिंदा हैं। कुछ ऐसा ही होने वाला है दिल्ली में जिसमें विंटेज कारें एक बार फिर से अपना जलवा बिखेरने को तैयार हैं। 17 और 18 फरवरी को इंडिया गेट के लॉन में इसका आयोजन होगा और बाद में ये कारें यहां से इकट्ठा होकर इंटरनेशनल रेस ट्रैक बीआईसी तक जाएंगी।
विंटेज ड्राइव में 1965 के उन शानदार समय की कारों से मिलने का मौका मिलेगा जो कि जर्मनी,यूके, इटली, फ्रांस और अमेरिका से आ रही हैं। इन कारों की कीमत मौजूदा समय में बहुत ज्यादा है तथा इन रखरखाव भी काफी महंगा है। दिल्ली में इस तरह का ये सातवां आयोजन है जिसे 21 गन सेल्यूट हेरीटेज एंड कल्चरल ट्रस्ट द्वारा आयोजित किया जाता है।
इसके बारे में अधिक जानकारी देते हुए मदन मोहन, संस्थापक एवं मैनेजिंग ट्रस्टी, 21 गन सेल्यूट हेरीटेज एंड कल्चरल ट्रस्ट ने कहा बताया कि इस विंटेज कार रैली के 7वें सत्र को काफी बड़े स्तर पर आयोजित किया जा रहा है। इस बार इस रैली में भारत, जर्मनी, फ्रांस, इटली और यूके से चुनी गई खास 100 से अधिक विंटेज और क्लासिक कारों को प्रस्तुत किया जाएगा। इस प्रकार से ये आयोजन पहले से भी भव्य हो जाएगा। हमारा लक्ष्य है कि इस आयोजन के साथ भारत को एक विश्वस्तरीय ग्लोबल मोटरिंग टूरिज्म स्थल के तौर पर विकसित किया जाए। जिसके लिए विंटेज कारे काफी अच्छा ऑपशन है जिसे देखने के लिए काफी संख्या में लोग आयेगें।
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