शिवपुरी: मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिले से एक मामला सामने आया है जिसके बारे में जानकर हर किसी की आँखे नम हो गई। दरअसल, शिवपुरी के बादली गांव के रहने वाले एक आदिवासी ग्रामीण दिशलाल के पास इतने रूपये भी नहीं थे कि वह बस का किराया देकर कलेक्टर से गुहार लगाने शिवपुरी आ सके। खनियाधाना के ग्राम बादली के दिशलाल 110 किमी साईकल चलाकर जनसुनवाई में पहुंचे। सफर के चलते उन्होंने रात कोलारस में बिताई।
वही कलेक्ट्रेट परिसर के एक कोने में आदिवासी दिशलाल रोते हुए मिले। जब उनसे रोने की वजह पूछी गई तो बोलने लगे भूख लगी है, कल से अन्न का एक दाना तक नहीं खाया है। दिशलाल ने बताया, वह सोमवार 11 बजे अपने गांव से शिवपुरी के लिए निकले थे किन्तु कोलारस पहुंचते-पहुंचते रात हो गई तो वहीं पर सो गए। प्रातः होते ही फिर साईकल चलाई तब जाकर शिवपुरी पहुंचे।
दिशलाल ने बताया कि उसे जिस सरकारी जमीन का पट्टा प्राप्त हुआ था, उस जमीन पर किसी दबंग ने कब्जा कर लिया। उसके पास कोई भूमी नहीं है। यही वजह है कि वह पट्टे की मांग करने यहां आया है।इसके साथ ही आगे बताते हुए दिशलाल ने कहा- वह मजदूरी कर परिवार का पालन-पोषण कर रहा हैं। जनसुनवाई में आने तक के उसके पास रूपये नहीं थे। मगर फरियाद सुनाना आवश्यक था इसलिए 110 किमी साईकिल चलाकर आना पड़ा। वही इस मामले के बारे में जिस किसी को पता चला उसकी आँखे नम हो गई।
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