हिचकी (hiccup) क्यों आती है? यह सवाल कई लोगों के मन में होता है और हिचकी आते ही लोग इसे रोकने के लिए उपाय करने लगते हैं। ऐसा माना जाता है कि हिचकी गले की केनल में होती है जो आपकी मांसपेशियों की एक अनैच्छिक क्रिया है। जी हाँ और ऐसा तब होता है जब डायफ्राम की मांसपेशियां अचानक सिकुड़ जाती हैं और आप इसे कंट्रोल नहीं कर पाते हैं।
उसके बाद हिचकी की आवाज निकलती है। हालांकि, ये हिचकी आमतौर पर कुछ मिनटों तक चलती हैं। आप सभी को बता दें कि बहुत सारे मामलों में हिचकी तब आती है जब बहुत ज्यादा या फिर बहुत जल्दी-जल्दी खाना खाते हैं या फिर मसालेदार खाना खाया हो। इसी के साथ कई लोगों को हिचकी तब भी आना शुरू हो जाती है जब वह एक्साइटिड होते हैं या फिर तनाव में होते हैं। जी हाँ और ऐसे में अगर आपको लंबे समय से हिचकी की दिक्कत हो रही है तो आपको डॉक्टर को दिखा सकते हैं। आज हम आपको बताने जा रहे हैं हिचकी रोकने के उपाय।
-हिचकी रोकने के लिए आप कुछ देर के लिए सांस को रोक सकते हैं। जी हाँ, कुछ सेकंड के लिए अपनी सांस रोककर रखने से आपके शरीर में कुछ कार्बन डाइऑक्साइड इफेक्टिव रूप से बनी रहती है। ऐसे में यह डायाफ्राम में ऐंठन को खत्म करने में मदद करता है, जिससे हिचकी को रोका जा सकता है।
- आपको जब हिचकी आए तो आप ठंडा पानी पी सकते हैं। इससे भी हिचकी को रोका जा सकता है। ऐसा इसलिए क्योंकि जब आप पानी को निगल रहे होते हैं, तो संकुचन डायाफ्राम की ऐंठन खत्म हो सकती है।
- हिचकी लगातार आ रही है तो आप ऐसे समय में जीभ बाहर निकाल कर इसे रोक सकते हैं। वैसे तो यह अजीब लग सकता है, लेकिन यह ट्रिक काम का है।जी दरअसल, आपकी जीभ एक दबाव बिंदु है और अपनी जीभ को खींचने से आपके गले की मांसपेशियां उत्तेजित होती हैं।
- हिचकी रोकने के लिए आपको किसी आरामदायक जगह पर बैठना होगा। उसके बाद घुटनों को अपनी छाती पर लाएं और उन्हें दो मिनट के लिए वहीं रखें। जी दरअसल अपने घुटनों को खींचने से छाती संकुचित होती है जिससे डायाफ्राम की ऐंठन बंद हो सकती है।
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