जबलपुर: म.प्र. की 28 सीटों पर होने वाले उपचुनाव से एक दिन पहले ही आरक्षण से जुड़ी खबर का खुलासा हुआ है. जबलपुर हाईकोर्ट ने 27 फीसद आरक्षण पर रोक लगा दी है, अब प्रदेश में 14 फीसद आरक्षण ही रहेगा. इस केस की अगली सुनवाई 1 दिसंबर को होने वाली है. जंहा इस बात का पता चला है कि बढ़े हुए OBC आरक्षण को लेकर मप्र हाईकोर्ट में दायर तमाम याचिकाओं पर आज सुनवाई हुई. सुनवाई के बीच प्रदेश सरकार की ओर से सूचना दी गई कि मध्य प्रदेश में आबादी के लिहाज से सरकार OBC वर्ग को आरक्षण देना चाहती है.
आबादी के लिहाज से कोई प्रवाधान नहीं: मिली जानकारी के अनुसार इस केस में याचिकाकर्ता ने आपत्ति दर्ज कराते हुए बोला गया है कि हाल ही में मराठा आरक्षण को लेकर सुप्रीम कोर्ट के 3 जजों की बेंच द्वारा फैसला सुनाया गया है और कहा जा रहा है कि किसी भी लिहाज से आबादी के परिपालन में आरक्षण नहीं दिया जाने वाला है. वर्ष 1993 में इंदिरा साहनी केस में सुप्रीम कोर्ट का न्याय द्रष्टांत है कि आबादी के लिहाज से आरक्षण का प्रावधान नहीं है.
1 दिसंबर को फैसला आ सकता है: वहीं इस बात का पता चला है कि दोनों पक्षों को सुनने के बाद हाईकोर्ट ने 1 दिसंबर को सभी याचिकाओं पर बहस की तारीख तय की है. इसके उपरांत हाईकोर्ट केस पर 1 दिसंबर निर्णय सुनाया जा सकता है. वहीं मध्यप्रदेश में कमलनाथ सरकार द्वारा OBC वर्ग को आरक्षण का प्रतिशत 14% से बढ़ाकर 27% कर दिया गया था जिसे अलग-अलग वर्गों द्वारा मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में चुनौती दे दी गई थी. जंहा मेडिकल स्टूडेंट आशिता दुबे द्वारा सबसे पहले इस केस पर याचिका दायर की गई थी उसके बाद बढ़े हुए OBC आरक्षण पर रोक जारी है.
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