बैंगलोर: कर्नाटक में हिजाब/बुर्का विवाद के दौरान उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ प्रदर्शन करने और जजों को हत्या की धमकी देने वाले ‘तौहीद जमात’ के 7 सदस्यों को मद्रास उच्च न्यायालय ने अंतरिम जमानत दे दी है। अभियोजन पक्ष ने यह कहते हुए आरोपितों की जमानत का विरोध किया कि इन लोगों ने जजों को धमकी दी थी। किन्तु, हाई कोर्ट ने बचाव पक्ष की इस दलील को स्वीकार कर लिया कि इसके बाद आरोपी जजों के विरुद्ध आंदोलन नहीं करेंगे।
Just In: 7 TN Thowheed Jamat members who participated in protests against Karnataka HC’s Hijab judgment get anticipatory bail by Madras HC.
— LawBeat (@LawBeatInd) July 15, 2022
Though prosecution said speakers had threatened Judges, Court granted bail upon undertaking that they will not agitate against judges again
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, अंतरिम जमानत मद्रास उच्च न्यायालय की मदुरै बेंच ने दी है। सभी आरोपितों पर कर्नाटक हिजाब मामले में फैसला देने वाले उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति पर अभद्र और धमकी भरी टिप्पणी करने का मामला दर्ज था। यह टिप्पणी न केवल हाईकोर्ट के जजों के खिलाफ की गई थी, बल्कि उस दौरान सर्वोच्च न्यायालय के जजों के खिलाफ भी अभद्र बातें कही गईं थीं। बताया जा रहा है कि सभी 7 आरोपित तमिलनाडु तौहीद जमात (TNTJ) के सदस्य हैं। इन सभी आरोपितों की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति के मुरली शंकर ने कहा कि, 'इसमें कोई दो राय नहीं हैं कि कोई भी शख्स अपनी भावनाओं और विचार को रखने के लिए पूरी तरह स्वतंत्र है। यहाँ तक कि वो अदालत के फैसलों पर भी टिप्पणी कर सकता है। किन्तु, ये टिप्पणी सभ्यता के दायरे में होनी चाहिए। इस सभ्यता के दायरे से बाहर निकलने की इजाजत किसी को नहीं दी जा सकती है।'
मद्रास हाई कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि, 'इस मामले में मुख्य आरोपित को पहले ही जमानत मिल चुकी है। बाकी अन्य आरोपित लिखित रूप से बिना शर्त माफ़ी माँगने और आगे से फिर ऐसी गलती कभी न करने के लिए आवेदन दे रहे हैं। इसी के साथ आरोपित भविष्य में दुबारा ऐसी किसी भी बैठक या प्रदर्शन में शामिल न होने का भी संकल्प ले रहे हैं। ऐसे में कोर्ट तमाम आरोपितों की अंतरिम जमानत तमाम शर्तों के अधीन मंजूर करती है।'
जज को दी गई थी हत्या की धमकी :-
बता दें कि 17 मार्च 2022 को तमिलनाडु तौहीद जमात (TNTJ) नामक एक कट्टरपंथी संगठन ने मदुरै में एक आयोजन के दौरान जजों को हत्या की धमकी दी थी। इस वीडियो में रहमतुल्लाह नामक आरोपित ने धमकी देते हुए कहा था कि, 'यदि हिजाब मामले में जज की हत्या हो जाती है, तो वो खुद ही अपनी मौत के जिम्मेदार होंगे। कर्नाटक उच्च न्यायालय ने ये आदेश अमित शाह के इशारे पर दिया है। फैसला देने वाले जज को अपने निर्णय पर शर्म आनी चाहिए।'
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