मुंबई : बॉम्बे हाईकोर्ट ने शुक्रवार को जानबूझ कर कर्ज ना लौटाने वाले डिफाल्टरों की सूची सार्वजनिक करने संबंधी केंद्रीय सूचना आयोग के आदेश पर अंतरिम रोक लगा दी। बता दें कि सीआईसी ने भारतीय रिजर्व बैंक को सूची नहीं जारी करने पर कारण बताओ नोटिस भी भेजा था। उच्च न्यायालय ने आरबीआई की दलील सुनने के बाद उक्त आदेश दिया।
हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति बी. पी. धर्माधिकारी और न्यायमूर्ति सारंग कोतवाल की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई के बाद सीआईसी की ओर से आरबीआई के गवर्नर को जारी कारण बताओ नोटिस पर भी रोक लगा दी। मामले की सुनवाई के दौरान आरबीआई के वरिष्ठ अधिवक्ता व्यंकटेश धोण्ड ने कहा कि सीआईसी ने आरबीआई का पक्ष सुने बिना ही अपना आदेश जारी कर दिया है।
अगली सुनवाई 10 अप्रैल को होगी
वही आरबीआई की ओर से कहा गया कि केंद्रीय सूचना आयोग ने जो आदेश दिया है वह देश की अर्थव्यवस्था के लिए नुकसानदेह हो सकता है, इसलिए सीआईसी के आदेश और कारण बताओ नोटिस पर रोक लगाई जाए। दलील सुनने के बाद खंडपीठ ने सीआईसी को नोटिस जारी किया और उसके आदेश पर अंतरिम रोक लगा दी। अब खंडपीठ में मामले की अगली सुनवाई 10 अप्रैल को होगी।
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