कानूनी मामलों में राजस्थानी की सियासत फंसी जा रही है. अब याचिका में सचिन पायलट गुट की तरफ से केन्द्र सरकार को इस केस में पक्षकार बनाने की अर्जी को उच्च न्यायालय ने स्वीकार कर लिया है. अब इसमें केंद्रीय गवर्नमेंट का पक्ष भी सुना जाएगा. अर्जी को स्वीकार करने के बाद उच्च न्यायालय ने स्पीकर के समन पर दाखिल याचिका पर निर्णय सुनाते हुए यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया है.
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समन और याचिका में पायलट गुट की तरफ से केन्द्रीय गवर्नमेंट को इस केस में पक्षकार बनाने के लिये बुधवार को दाखिल की गई अर्जी पर सुनवाई के बाद अदालत ने उसे स्वीकार कर लिया है. इससे अब केन्द्रीय गवर्नमेंट भी समन याचिका में पक्षकार बन गया है. अब इस केस में जवाब देने के लिए केन्द्र सरकार के वकील अदालत से वक्त मांग सकते हैं. वहीं दूसरी ओर हाई कोर्ट ने समन याचिका पर यथास्थिति के निर्देश दिये हैं. इसे पायलट गुट के लिए बड़ी राहत माना जा रहा है. यथास्थिति निर्देश के बाद अब कोई भी पक्ष कोई कार्यवाही नहीं पायेगा. पूरा केस सर्वोच्च न्यायालय के अधीन रहेगा. उच्च न्यायलय ने स्पीकर के समन को स्टे कर दिया है.
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इन एमएलए को समन भेजा गया था
सचिन पायलट, रमेश मीणा, इंद्राज गुर्जर, गजराज खटाना, राकेश पारीक, मुरारी मीणा, पीआर मीणा, सुरेश मोदी, भंवर लाल शर्मा, वेदप्रकाश सोलंकी, मुकेश भाकर, रामनिवास गावड़िया, हरीश मीणा, बृजेन्द्र ओला, हेमाराम चौधरी, विश्वेन्द्र सिंह, अमर सिंह, दीपेंद्र सिंह और गजेंद्र शक्तावत.
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