मुंबई: देश की प्रथम बुलेट ट्रेन को मुंबई से अहमदाबाद के बीच चलाने की तैयारी रफ़्तार से चल रही है। मगर बंबई उच्च न्यायालय ने महाराष्ट्र सरकार एवं एनएचएसआरसीएल (NHSRCL) की ओर से मुंबई के विखरोली क्षेत्र में आरम्भ किए गए भूमि अधिग्रहण के खिलाफ दायर याचिका को खारिज कर दिया। यह याचिका गोदरेज एंड बॉयस की ओर से दायर की गई थी। कोर्ट की ओर से कहा गया कि यह राष्ट्रीय महत्व की परियोजना है तथा जनता के भले के लिए है। जस्टिस आरडी धानुका एवं जस्टिस एमएम सथाये की खंडपीठ ने कहा कि परियोजना अनूठी है एवं सार्वजनिक हित को निजी हित पर वरीयता प्राप्त होगी।
मुंबई से अहमदाबाद के बीच 508.17 किलोमीटर की रेल की पटरी में से 21 किलोमीटर भूमिगत रहेगी। भूमिगत सुरंग का एंट्री प्वाइंट विखरोली में गोदरेज की जमीन पर पड़ता है। प्रदेश सरकार एवं राष्ट्रीय उच्च गति रेल निगम लिमिटेड (NHSRCL) ने दावा किया था कि कंपनी की वजह से पूरी परियोजना में देरी हो रही है। सरकार ने उच्च न्यायालय को बताया कि गोदरेज एंड बॉयस मेन्युफैक्चरिंग कंपनी लिमिटेड के विखरोली क्षेत्र में स्थित क्षेत्र को छोड़कर परियोजना के पूरे मार्ग के लिए अधिग्रहण प्रक्रिया पूरी हो चुकी है।
प्रदेश सरकार ने कोर्ट को बताया था कि बीते वर्ष अक्टूबर में 264 करोड़ रुपये का मुआवजा दिया जा चुका है। गोदरेज एंड बॉयस ने उसे मुआवजा देने के महाराष्ट्र सरकार के 15 सितंबर, 2022 को जारी आदेश को चुनौती देते हुए याचिका दायर की थी। इस ट्रेन के ट्रैक पर 2026 से दौड़ने की संभावना व्यक्त की जा रही है। इसके अतिरिक्त रेल मंत्री की ओर से बीते दिनों बुलेट ट्रेन के किराये को लेकर भी इशारा किया गया था। एक कार्यक्रम के चलते रेल मंत्री ने एक प्रश्न के उत्तर में कहा था कि बुलेट ट्रेन के किराये को लेकर किसी प्रकार का फैसला नहीं हुआ है। मगर यह लोगों की पहुंच में होगा। उन्होंने कहा कि बुलेट ट्रेन के किराये के लिए फर्स्ट एसी को बेस बनाया जाएगा। इससे यह अनुमान लगाया जा सकता है कि बुलेट ट्रेन में सफर करने का किराया फर्स्ट एसी के आसपास होगा।
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