कोरोना वायरस के महाप्रकोप के बीच पूरी दुनिया में फैलने के साथ ही यह कहा जा रहा था कि तापमान बढ़ने के साथ-साथ ये वायरस भी या तो खत्म हो जाएगा या इसके मामलों में जबरदस्त गिरावट आएगी. इससे लोगों के मन में ये बात घर कर गई थी कि भारत में इससे जल्द ही छुटकारा मिल जाएगा. लेकिन इन सभी दावों से अब आईसीएमआर ने पर्दा उठा दिया है.
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वायरस को लेकर आईसीएमआर के वैज्ञानिक रमन गंगाखेडकर ने साफ कर दिया है कि तापमान बढ़ने के साथ-साथ इस वायरस के खत्म होने का कोई भी प्रमाण पूरी दुनिया में कहीं भी अब तक सामने नहीं आया है. उन्होंने एक प्रेस कांफ्रेंस के दौरान कहा कि यदि ऐसा होता तो निश्चिततौर पर उन्हें इसकी जानकारी होती, लेकिन ऐसा नहीं है. उनके इस कथन से ये बात साफ हो गई है कि कोरोना वायरस के खात्मे या उसके मामलों में गिरावट को लेकर जो लोग तापमान बढ़ने का इंतजार कर रहे थे वो इस ख्याल को अब अपने दिमाग से पूरी तरह से निकाल दें. फिलहाल ऐसा कुछ नहीं होने वाला है.
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आपकी जानकारी के लिए बता दे कि फरवरी से ही इस तरह की बातें सामने आने लगी थीं कि मौसम में गरमाहट बढ़ने के साथ कोरोना वायरस के खात्मे की शुरुआत हो जाएगी. इसको लेकर कई तरह के मैसेज और जोक्स भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे थे. लेकिन आईसीएमआर ने इन दावों की अब हवा निकाल दी है. आईसीएमआर की तरफ से कहा गया कि इन बातों के पीछे जो सोच काम कर रही थी उसके मुताबिक गर्मी के मौसम में यदि कोई व्यक्ति खांसता है या छींकता है तो उसके मुंह या नाक से निकलने वाले ड्रॉपलैट्स जमीन या किसी सतह पर पड़ते ही जल्द सूख जाएंगे. इसकी वजह से ये वायरस कुछ ही सैकेंड में खत्म हो जाएगा. लेकिन फिलहाल ऐसा कहीं देखने को नहीं मिला है.
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